Bihar Election 2025 : पटना। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता एवं बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं राज्य के नगर विकास मंत्री जीवेश कुमार पर दरभंगा जिले में उनके निर्वाचन क्षेत्र से जुड़े सवाल पूछने पर एक पत्रकार के साथ अशोभनीय व्यवहार और मारपीट करने का आरोप लगाया और मंत्री के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।तेजस्वी यादव ने कहा कि मंत्री ने पत्रकार की मां और बहनों के लिए भी अपशब्द कहे, लेकिन अब तक पुलिस ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं की है। उन्होंने मांग की कि मंत्री पर न केवल प्राथमिकी दर्ज हो, बल्कि उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई भी की जाए।
जाले विधानसभा में जब एक स्थानीय पत्रकार दिवाकर सहनी ने बीजेपी मंत्री और स्थानीय विधायक जीवेश कुमार से सड़क को लेकर सवाल पूछा तो मंत्री जी कहते हैं -"मोबाइल छीनो इसका और डिलीट करो।"
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) September 15, 2025
उसके बाद उस पत्रकार को गाली देते हुए पिटाई कर दी जाती है।
यही भाजपा नीतीश सरकार का राक्षसराज है!… pic.twitter.com/ATpxqcgGIS
मंत्री के खिलाफ अब तक प्राथमिकी क्यों नहीं हुई ?
तेजस्वी यादव ने संवाददाताओं से कहा, पत्रकार भी किसी का बेटा या भाई होता है। उससे मारपीट की गई। मैंने पहले कभी किसी मंत्री को पत्रकार के साथ इस तरह अशोभनीय व्यवहार और मारपीट करते नहीं देखा। यह कैसा प्रशासन है? अगर कानून सबके लिए बराबर है, तो मंत्री के खिलाफ अब तक प्राथमिकी क्यों नहीं हुई? राजद नेता ने इस दौरान एक कथित वीडियो भी दिखाया, जिसमें मंत्री को पत्रकार पर चिल्लाते देखा जा सकता है। तेजस्वी ने हाल ही में राजस्थान की एक अदालत के आदेश का भी हवाला दिया, जिसमें दरभंगा के जाले से विधायक एवं मंत्री जीवेश कुमार को नकली दवाओं के निर्माण में संलिप्त पाया गया था। अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया था।
नीतीश मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाना चाहिए : तेजस्वी
राजद नेता ने कहा कि इस आदेश के आलोक में मंत्री को नीतीश मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाना चाहिए या उन्हें स्वयं इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बिहार यात्रा के दौरान इस मामले पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। कुमार उस दवा कंपनी के निदेशकों में से एक हैं, जिसे हाल में राजस्थान की राजसमंद अदालत ने दोषी ठहराया है। हालांकि अदालत ने उन्हें जेल की सजा नहीं दी, लेकिन एक निर्धारित अवधि तक परिवीक्षा में रखा है।