Tahawwur Rana: मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मुंबई आतंकवादी हमला मामले के मुख्य आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा ने सह-साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली को भारत का वीजा दिलाने में मदद की थी. राणा को अमेरिका से गुरुवार को भारत लाया गया और यहां इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (IGI) एयरपोर्ट पर पहुंचने पर औपचारिक रूप से उसे गिरफ्तार करने के बाद पटियाला हाउस स्थित NIA की विशेष अदालत में पेश किया गया. जहां से उसे 18 दिन के लिए NIA की हिरासत में भेज दिया गया.
हेडली और राणा के बीच 230 से अधिक बार फोन पर बात हुई
राणा ने 1990 के दशक के अंत में कनाडा में प्रवास करने और अपनी ‘इमीग्रेशन कंसल्टेंसी फर्म’ शुरू करने से पहले पाकिस्तानी सेना के ‘मेडिकल कोर’ में काम किया था. बाद में वह अमेरिका चला गया था और उसने शिकागो में एक कार्यालय खोला था. पुलिस अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि राणा ने नवंबर 2008 के हमलों से पहले अपनी कंपनी के माध्यम से हेडली को मुंबई में एक टोही मिशन पर भेजा था और उसे 10 साल का वीजा विस्तार दिलाने में मदद की थी. भारत में रहने के दौरान हेडली ने इमीग्रेशन से जुड़ा कारोबार संचालित करने का दिखावा किया और वह राणा के साथ नियमित संपर्क में था. पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस दौरान दोनों के बीच 230 से अधिक बार फोन पर बात हुई.
मुंबई हमले से पहले भारत आया था राणा
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) के आरोपपत्र के अनुसार, राणा इस दौरान हमलों के एक अन्य सह-साजिशकर्ता ‘मेजर इकबाल’ के भी संपर्क में था. राणा आतंकी हमले से कुछ दिन पहले नवंबर 2008 में भारत आया था. मुंबई पुलिस की ओर से 26/11 हमले के मामले में 2023 में राणा के खिलाफ दायर आरोपपत्र के अनुसार, वह पवई के एक होटल में रहा था और उसने एक व्यक्ति के साथ दक्षिण मुंबई में भीड़-भाड़ वाली जगहों के बारे में चर्चा की थी. इस व्यक्ति को मामले में गवाह के रूप में सूचीबद्ध किया गया है. इसके बाद, इनमें से कुछ स्थानों पर पाकिस्तानी आतंकवादियों ने हमला किया था जिसमें 166 लोगों की जान चली गई. आतंकवादियों ने मुंबई में ताज महल होटल और ओबेरॉय होटल, लियोपोल्ड कैफे, चबाड हाउस और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस ट्रेन स्टेशन को निशाना बनाया था.