Saturday, November 16, 2024
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PMLA पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला,’विशेष अदालत द्वारा संज्ञान लेने के बाद ED आरोपी को नहीं कर सकती गिरफ्तार’,जानें कोर्ट ने क्या कहा ?

नई दिल्ली, उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि एक विशेष अदालत द्वारा धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) की शिकायत पर संज्ञान लेने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 19 के तहत किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकता है.

हिरासत पाने के लिए कोर्ट में करना होगा आवेदन

न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि जब कोई आरोपी किसी समन के अनुपालन में अदालत के समक्ष पेश होता है तो एजेंसी को उसकी हिरासत पाने के लिए संबंधित अदालत में आवेदन करना होगा.यदि आरोपी समन (अदालत द्वारा जारी) के जरिए विशेष अदालत के समक्ष पेश होता है तो यह नहीं माना जा सकता कि वह हिरासत में है.”

”PMLA की धारा 45 की 2 शर्तें लागू नहीं होती हैं”

अपने फैसले में पीठ ने कहा, ‘समन के बाद अदालत में पेश हुए आरोपी को जमानत के लिए आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है और इस प्रकार PMLA की धारा 45 की 2 शर्तें लागू नहीं होती हैं.’

दोनों शर्तों में क्या कहा गया है ?

दोनों शर्तों में कहा गया है कि जब धन शोधन मामले में कोई आरोपी जमानत के लिए आवेदन करता है तो अदालत को पहले सरकारी अभियोजक को सुनने की अनुमति देनी होगी और जमानत केवल तभी दी जा सकती है जब वह संतुष्ट हो जाए कि आरोपी दोषी नहीं है और रिहा होने पर उसके द्वारा इसी तरह का अपराध करने की आशंका नहीं है.

शीर्ष अदालत का फैसला इस सवाल पर सुनाया गया था कि क्या धन शोधन मामले में किसी आरोपी को जमानत के लिए दोहरे परीक्षण से गुजरना पड़ता है, यहां तक ​​कि उन मामलों में भी जहां विशेष अदालत अपराध का संज्ञान लेती है.

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