Monday, July 28, 2025
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Bihar SIR Case : सुप्रीम कोर्ट ने एसआईआर पर रोक लगाने से किया इनकार, कहा- धरती पर ऐसा कोई भी डॉक्यूमेंट नहीं है, जिसकी नकल न हो सके

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में जारी स्पेशल समरी रिवीजन (SIR) पर रोक लगाने से इनकार किया, लेकिन ECI और याचिकाकर्ता से मंगलवार तक जवाब मांगा। कोर्ट ने पूछा कि आधार, वोटर आईडी और राशन कार्ड को पहचान दस्तावेज के रूप में क्यों नहीं माना जा रहा।

Bihar SIR Case : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बिहार में जारी स्पेशल समरी रिवीजन (SIR) प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। हालांकि, कोर्ट ने निर्वाचन आयोग (ECI) और याचिकाकर्ता दोनों से मंगलवार सुबह 10:30 बजे तक सुनवाई के लिए समय-निर्धारण प्रस्तुत करने को कहा है। सुनवाई के दौरान, जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस जॉयमाला बागची की पीठ ने निर्वाचन आयोग से तीखे सवाल पूछते हुए कहा, अगर फर्जीवाड़े की बात है तो धरती पर कोई भी ऐसा दस्तावेज नहीं है, जिसकी नकल न हो सके। फिर आपने जिन 11 दस्तावेजों को सूचीबद्ध किया है, उनकी विश्वसनीयता का क्या आधार है?

SC ने निर्वाचन आयोग की खिंचाई की

कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि आधार कार्ड, वोटर आईडी (EPIC) और राशन कार्ड को मतदाता पहचान के रूप में क्यों नहीं स्वीकार किया जा रहा है, जबकि ये आमतौर पर सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त पहचान दस्तावेज हैं। पीठ ने को निर्देश दिया कि वह इन दस्तावेजों को मतदाता सत्यापन में शामिल करने पर पुनर्विचार करे और मंगलवार सुबह तक अपना जवाब दाखिल करे।

निर्वाचन आयोग ने अपने हलफनामे में कहा है कि जनवरी 2025 की मतदाता सूची में शामिल सभी लोग ड्राफ्ट सूची में रहेंगे, बशर्ते वे गणना फॉर्म जमा करें। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि यदि कोई मतदाता सूची से हटाया जाता है तो आपत्ति दर्ज करने और सुनवाई का तंत्र क्या है। कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि सामूहिक बहिष्करण के बजाय सामूहिक समावेशन क्यों नहीं किया जा रहा है।

सुनवाई के दौरान ईसीआई के वकील ने कहा कि हमें राशन कार्ड स्वीकार करने में कठिनाई हो रही है, क्योंकि बड़े पैमाने पर फर्जी राशन कार्ड हैं. हम कह रहे हैं कि आधार नागरिकता का प्रमाण नहीं है, लेकिन आप पहचान के प्रमाण के रूप में आधार दाखिल कर सकते हैं। मगर आप पहचान के प्रमाण के रूप में आधार दाखिल कर सकते हैं, हमारे फॉर्म में कहा गया है कि अपना आधार नंबर दें।

एसआईआर के मुद्दे पर विपक्ष का हंगामा

लोकसभा में सोमवार को विपक्ष के सदस्य बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चर्चा का आश्वासन देने की मांग पर अड़े रहे और पूर्व निर्धारित सहमति के अनुसार ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा शुरू नहीं हो सकी।एसआईआर को लेकर विपक्षी दलों के सांसदों के शोर-शराबे के कारण सदन की बैठक दो बार के स्थगन के बाद पुन: शुरू होने के एक मिनट के अंदर दो बजे तक स्थगित कर दी गई।

सदन की बैठक एसआईआर के मुद्दे पर दो बार स्थगित होने के बाद एक बजे शुरू हुई तो विपक्षी सांसद हंगामा करने लगे। वे ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा शुरू होने से पहले सदन में एसआईआर के मुद्दे पर चर्चा के लिए आश्वासन देने की मांग आसन से कर रहे थे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों से कहा, सभी दलों के नेताओं से बातचीत हुई थी और सबने कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा शुरू होनी चाहिए। मैंने और सरकार ने इस पर सहमति दी थी। सारे विषयों को सदन में उठाने से उन पर चर्चा नहीं होगी। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के नेताओं को सर्वदलीय बैठक में इस बारे में बात उठानी चाहिए थी कि पहले एसआईआर पर चर्चा होगी, फिर ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा कराइ जाए।

बिरला ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से कहा कि उन्हें सर्वदलीय बैठक में अपनी पार्टी के ऐसे नेताओं को भेजना चाहिए जो निर्णय ले सकें। इससे पहले 11 बजे सदन की बैठक प्रारंभ होने पर लोकसभा अध्यक्ष ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू कराया, विपक्षी दलों के सदस्य ‘एसआईआर वापस लो’ के नारे लगाने लगे। बिरला ने हंगामा कर रहे सदस्यों के तख्तियां दिखाने और नारेबाजी करने पर निराशा जताई और सवाल किया कि आखिर नियोजित तरीके से प्रश्नकाल क्यों बाधित किया जा रहा है? बिरला का कहना था, क्या आप सदन बाधित करना चाहते हैं, क्या ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा नहीं करना चाहते? आप लोग आए थे और कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होनी चाहिए…आखिर अब सदन क्यों नहीं चलने दे रहे? उन्होंने सदन में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से कहा, माननीय नेता प्रतिपक्ष, आप अपने नेताओं को समझाओ कि इन्हें सदन में पर्चिया फेंकने और तख्तियां लाने के लिए नहीं भेजा गया है।

हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने सदन की कार्यवाही 11 बजकर 12 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
एक बार के स्थगन के बाद 12 बजे बैठक शुरू हुई, तब भी सदन में ऐसा ही नजारा था। विपक्षी सांसदों के नारेबाजी करने पर नाराजगी प्रकट करते हुए बिरला ने कहा कि सभी दलों के नेताओं की सहमति से आज सदन में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा शुरू होनी है। उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा, कार्य मंत्रणा समिति में सभी दलों के नेताओं के बीच इस पर सहमति बनी थी। क्या आप नहीं चाहते कि चर्चा हो। बिरला ने कहा, आप लोग मेरे चैंबर में आकर सहमति जताते हैं और यहां आकर आपका व्यवहार कुछ और होता है। राजनीतिक दलों में प्रतिबद्धता भी कोई चीज होती है। आप लोग ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा चाहते हैं तो अपनी सीट पर बैठिए।इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह समेत अन्य वरिष्ठ मंत्री सदन में उपस्थित थे। तय कार्यक्रम के अनुसार रक्षा मंत्री सिंह सदन में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की शुरुआत करेंगे। हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने करीब 10 मिनट बाद ही कार्यवाही दोपहर एक बजे तक स्थगित कर दी।

Mukesh Kumar
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