नई दिल्ली। मथुरा में स्थित ईदगाह परिसर के सर्वे को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्णय को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में गए मुस्लिम पक्ष को वहां से कोई राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार केा मथुरा ईदगाह मस्जिद में सर्वे पर रोक लगाने से साफ तौर पर इनकार कर दिया। इस मामले में 9 जनवरी को सुनवाई होनी है। बता दें कि बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा ईदगाह मस्जिद में सर्वे का आदेश दिया था। इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा है कि याचिकाकर्ता छुट्टियों के दौरान भी सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दे सकते हैं।
मथुरा शाही ईदगाह मस्जिद ट्रस्ट की ओर से गुरुवार को कहा गया था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह मस्जिद के सर्वेक्षण के लिए कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति का आदेश दिया गया है। अगर सुप्रीम कोर्ट शाही ईदगाह मस्जिद ट्रस्ट और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की याचिका पर जल्द सुनवाई नहीं करता है तो इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट सुनवाई जारी रखेगा। जबकि हमने इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के द्वारा निचली अदालत की बजाय खुद मामले की सुनवाई किए जाने के को चुनौती दी है। शाही ईदगाह मस्जिद ट्रस्ट और यूपी सुन्नी सेंट्रल वकफ बोर्ड ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के द्वारा इस विवाद से जुड़ी सभी 18 याचिकाओं को सुनवाई के लिए अपने पास स्थानांतरित करने के 26 मई के आदेश को सुप्रीम कोर्ट मे चुनौती दी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया सर्वे का आदेश
मथुरा की श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में विवादित परिसर का सर्वे एडवोकेट कमिश्नर के जरिए कराए जाने की मांग को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मान लिया है। शाही मस्जिद ईदगाह के एएसआई सर्वे को इलाहबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को मंजूरी दे दी। जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया। ज्ञानवापी विवाद की तर्ज पर विवादित परिसर का एडवोकेट कमिश्नर से सर्वे कराए जाने की मांग को लेकर अर्जी दाखिल की गई थी।
अयोध्या विवाद की तर्ज पर मथुरा ईदगाह मस्जिद विवाद की हो रही सुनवाई
मथुरा ईदगाह मस्जिद विवाद से जुड़ी हुई 18 याचिकाओं पर इलाहाबाद हाईकोर्ट अयोध्या विवाद की तर्ज पर सीधे तौर पर सुनवाई कर रहा है। ज्ञानवापी मामले में भी कोर्ट प्रक्रिया की सक्रिय शुरुआत एडवोकेट कमिश्नर से ज्ञानवापी परिसर की जांच के आदेश के बाद ही हुआ था। अगर कल एडवोकेट कमिश्नर से सर्वे कराने के पक्ष में फ़ैसला आया तो मथुरा का मामला तूल पकड़ सकता है।
दावा : भगवान कृष्ण की जन्मस्थली मस्जिद के नीचे
न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन ने इससे पूर्व 16 नवंबर को संबंधित पक्षों को सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था। यह याचिका भगवान श्री कृष्ण विराजमान और सात अन्य लोगों द्वारा अधिवक्ता हरिशंकर जैन, विष्णु शंकर जैन, प्रभाष पांडेय और देवकी नंदन के जरिए दायर की गई थी, जिसमें दावा किया गया है कि भगवान कृष्ण की जन्मस्थली उस मस्जिद के नीचे मौजूद है और ऐसे कई संकेत हैं जो यह साबित करते हैं कि वह मस्जिद एक हिंदू मंदिर है।