सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को UAPA मामले में गिरफ्तार न्यूज़क्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया है. शीर्ष अदालत ने कहा कि पुरकायस्थ की गिरफ्तारी और उसके बाद की रिमांड अमान्य है.जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि 4 अक्टूबर, 2023 को रिमांड आदेश पारित करने से पहले पुरकायस्थ या उनके वकील को रिमांड आवेदन की एक प्रति प्रदान नहीं की गई थी. इसका मतलब यह था कि गिरफ्तारी का आधार उन्हें लिखित रूप में नहीं दिया गया था.इसीलिए गिरफ्तारी और रिमांड कानूनी रूप से अवैध है.
गिरफ्तारी और रिमांड कानून की नजर में अवैध. इसलिए अदालत ने प्रबीर पुरकायस्थ को रिहा करने का आदेश दिया.हालांकि,अदालत ने आदेश दिया कि रिहाई ट्रॉयल कोर्ट की संतुष्टि के अनुसार जमानत और बांड प्रस्तुत करने के अधीन होगी, क्योंकि आरोप पत्र दायर किया गया है.
इस आरोप में किया था गिरफ्तार
दरअसल, दिल्ली पुलिस ने न्यूज क्लिक में चीनी फंडिंग के मामले में पुरकायस्थ को गिरफ्तार किया था. इसके बाद से वे हिरासत में थे.पुरकायस्थ ने दिल्ली पुलिस द्वारा उनकी गिरफ्तारी और रिमांड को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.
सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस की जल्दबाजी पर उठाए थे सवाल
न्यूजक्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम के बेहद सख्त प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया था और कई गंभीर आरोप लगाए गए थे. न्यूजक्लिक के संपादक की अर्जी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गिरफ्तारी के वक्त पुरकायस्थ को पुलिस ने गिरफ्तारी का आधार नहीं दिया था. इसलिए प्रबीर पुरकायस्थ जमानत के हकदार हैं. पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की जल्दबाजी पर भी सवाल उठाए थे. कोर्ट ने कहा था कि पुरकायस्थ के वकील को सूचित किए बगैर उन्हें मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश कर दिया गया.