Lakhimpur Kheri Case : नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी, पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को बेटी की 12वीं की बोर्ड परीक्षा से पहले 25 से 31 दिसंबर के बीच उसके साथ समय बिताने के लिए घर जाने की बृहस्पतिवार को अनुमति दे दी। उच्चतम न्यायालय ने इससे पहले नौ अक्टूबर को आशीष मिश्रा को परिवार के साथ दिवाली मनाने के लिए उनके गृह नगर लखीमपुर खीरी जाने की अनुमति दी थी।
85 गवाहों की गवाही अभी बाकी
प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने मिश्रा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे द्वारा दायर याचिका पर विचार किया और इस दौरान पहले दी गई जमानत शर्तों को लागू रखने का निर्देश दिया, जिसमें राजनीतिक गतिविधियों में भाग न लेने की शर्त भी शामिल है। संक्षिप्त सुनवाई के दौरान, सीजेआई ने मिश्रा और अन्य के खिलाफ जारी मुकदमे की स्थिति पर गौर किया। इस दौरान पीठ को बताया गया कि अब तक 36 गवाहों की गवाही ली जा चुकी है, जबकि 85 गवाहों की गवाही अभी बाकी है। इसी तरह, दूसरी प्राथमिकी से संबंधित मामले में 35 गवाहों की गवाही ली जानी बाकी है।

आशीष मिश्रा पर लगा था किसानों को कुचने का आरोप
उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त महाधिवक्ता ने पीठ को बताया कि इस मामले की सुनवाई करने वाले न्यायाधीश के सामने 789 मुकदमे लंबित हैं। पीठ ने कहा कि विभिन्न विशेष अदालतें अत्यधिक बोझ झेल रही हैं और इस मामले पर मार्च 2026 में समग्र रूप से सुनवाई की जाएगी। तीन अक्टूबर 2021 को, लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के क्षेत्र के दौरे के खिलाफ किसान नेताओं ने विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत हुई थी, जिनमें से चार किसान थे।
चार किसानों को एक ‘स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल’ (एसयूवी) ने कुचल दिया था। इसके बाद, गुस्साए किसानों ने कथित तौर पर एक वाहन चालक और भाजपा के दो कार्यकर्ताओं को पीट-पीटकर मार डाला। हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत हो गई थी। दिसंबर 2023 में, निचली अदालत ने मिश्रा और 12 अन्य के खिलाफ किसानों की हत्या, आपराधिक साजिश और अन्य दंडात्मक कानूनों के तहत आरोप तय किए थे।




