GST : जीएसटी परिषद ने बुधवार को 2,500 रुपये तक की कीमत वाले फुटवियर एवं परिधानों को पांच प्रतिशत कर के स्लैब में रखने का निर्णय लिया। सूत्रों ने यह जानकारी दी। अभी तक केवल 1,000 रुपये तक की कीमत वाले जूते-चप्पल एवं परिधान पर ही पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता था जबकि इससे अधिक कीमत वाले उत्पादों पर 12 प्रतिशत कर लगाया जाता था। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित मामलों में निर्णय लेने वाले सर्वोच्च निकाय जीएसटी परिषद में लिए गए इस फैसले के बाद 2,500 रुपये तक के फुटवियर और परिधान अब सस्ते हो जाएंगे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों ने भी हिस्सा लिया। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में 12 और 28 प्रतिशत वाले कर स्लैब को खत्म करने का भी निर्णय लिया गया है। इन दोनों श्रेणियों के अधिकांश उत्पादों को क्रमशः पांच और 18 प्रतिशत के स्लैब में स्थानांतरित किया जाएगा। इस कदम से उपभोक्ताओं को सीधे तौर पर राहत मिलने के साथ ही परिधान एवं फुटवियर उद्योग को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।

GST दर में बड़ा बदलाव
त्योहारी सीजन से पहले सरकार ने उपभोक्ताओं और इंडस्ट्री के लिए बड़ी राहत का ऐलान किया है। जीएसटी परिषद ने कपड़े और फुटवियर पर GST स्लैब में अहम बदलाव करते हुए 2,500 रुपये तक की कीमत वाले रेडीमेड गारमेंट्स और जूतों को अब सिर्फ 5% GST के दायरे में ला दिया है। वहीं, इसके ऊपर की कीमतों पर 12% GST लगता है। त्योहारों से ठीक पहले यह बदलाव रेडिमेड गारमेंट्स और फुटवियर इंडस्ट्री को बूस्ट देने में अहम साबित हो सकता है, इससे उपभोक्ताओं के लिए टैक्स का बोझ कम होगा और खपत बढ़ेगी।
GST स्लैब में बड़ा बदलाव संभव: 12% और 28% स्लैब हो सकते हैं खत्म
जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में टैक्स सिस्टम को सरल और पारदर्शी बनाने की दिशा में बड़ा फैसला लिया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, परिषद 12% और 28% के मौजूदा टैक्स स्लैब को समाप्त करने पर विचार कर रही है। केंद्र सरकार पहले ही इसकी सिफारिश कर चुकी है। यदि यह निर्णय लिया जाता है, तो अधिकतर वस्तुएं अब 5% या 18% के टैक्स स्लैब में आ जाएंगी। इस बदलाव का उद्देश्य टैक्स सिस्टम को न केवल आसान बनाना है, बल्कि प्रशासनिक बोझ को कम करना और कर चोरी पर लगाम लगाना भी है।