Shashi Tharoor: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत एवं पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष विराम में अपनी भूमिका को लेकर बार-बार किए जा रहे दावों के बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि भारत, अमेरिकी राष्ट्रपति पद का सम्मान करता है लेकिन नई दिल्ली ने कभी नहीं चाहा कि वह किसी से मध्यस्थता करने के लिए कहे और किसी को हमें यह बताने की जरूरत नहीं कि हमें रुकना है.
हमारे मन में अमेरिका के लिए बहुत सम्मान : थरूर
थरूर से ट्रंप द्वारा लगातार किए जा रहे इस दावे पर भारत की प्रतिक्रिया के बारे में सवाल पूछा गया था कि अमेरिका के राष्ट्रपति ने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम में मध्यस्थता की. उनसे यह भी पूछा गया कि क्या यह ऐसा सवाल है जिस पर आपकी पार्टी लगातार प्रश्न पूछ रही है. आपकी पार्टी के नेता राहुल गांधी ने टिप्पणी की थी कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्रंप का फोन आने के बाद आत्मसमर्पण कर दिया.
इसके जवाब में शशि थरूर ने कहा, ‘हमारे मन में अमेरिका के लिए बहुत सम्मान है, और वॉशिंगटन के साथ हमारी बहुत महत्वपूर्ण, मूल्यवान रणनीतिक साझेदारी है जिसे हम किसी छोटी सी बात के कारण जोखिम में नहीं डालना चाहेंगे. हम इस समय सहयोग के कई क्षेत्रों के बारे में बात कर रहे हैं, हम उन सभी को बढ़ाने में रुचि रखते हैं. इसलिए छोटी-छोटी बातें हो सकती हैं लेकिन हम कल पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं.’
किसी तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं : थरूर
शशि थरूर ने कहा कि भारत को पाकिस्तानियों को उन्हीं की भाषा में जवाब देने में कोई दिक्कत नहीं थी. जब तक वे आतंकवाद की भाषा का इस्तेमाल करते रहेंगे, हम बल की भाषा का इस्तेमाल करेंगे. इसके लिए किसी तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं है.’
‘पाकिस्तान आतंकवाद के बुनियादी ढांचे को खत्म कर दे तो…’
थरूर ने कहा कि अगर पाकिस्तान आतंकवाद के बुनियादी ढांचे को खत्म कर दे तो हम उनसे बात कर सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘अगर वे यह दिखाने के लिए गंभीर कदम उठाते हैं कि वे हमारे साथ सामान्य संबंध बहाल करना चाहते हैं तो हम किसी मध्यस्थ की आवश्यकता के बिना उनसे निश्चित रूप से फिर से बात कर सकते हैं.’
‘भारत को रुकने के लिए कहने की जरूरत नहीं थी’
कांग्रेस नेता थरूर ने कहा, ‘जैसा कि मैंने कहा, इस संघर्ष के दौरान किसी भी स्थिति में भारत को इस बात की जरूरत नहीं थी कि कोई उसे रुकने के लिए कहे. किसी को भी हमें रुकने के लिए कहने की आवश्यकता नहीं थी क्योंकि हम उनसे कह रहे थे कि जैसे ही पाकिस्तान रुकेगा, हम रुकने के लिए तैयार हैं.’ इसलिए यदि उन्होंने पाकिस्तानियों से कहा कि ‘आप रुक जाइए क्योंकि भारतीय रुकने को तैयार हैं और उन्होंने ऐसा ही किया तो यह पाकिस्तान को लेकर उनकी ओर से एक अच्छा कदम था. हम बस इतना ही कह सकते हैं कि हमारी बातचीत में इनमें से कुछ बातें सामने नहीं आईं.’
राहुल गांधी ने क्या कहा था
आपको बता दें कि राहुल गांधी ने 3 जून को मध्य प्रदेश पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि ‘मैं बीजेपी और आरएसएस वालों को अच्छे से जान गया हूं. इनको थोड़ा सा दबाओ तो डर कर भाग जाते हैं’ ”उधर ट्रंप ने फोन किया और इशाया किया कि मोदी जी क्या कर रहे हो? नरेंदर, सरेंडर. और ‘जी हुजूर’ कर के मोदी जी ने ट्रंप के इशारे का पालन किया.”