SCO Summit 2025 : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने चीनी समकक्ष दोंग जुन से कहा है कि भारत और चीन को सीमाओं पर तनाव कम करने तथा सरहदों के निर्धारण की मौजूदा व्यवस्था को पुनर्जीवित करने से संबंधित कदम उठाकर एक सुव्यवस्थित रूपरेखा के तहत “जटिल मुद्दों” को सुलझाना चाहिए। राजनाथ सिंह और दोंग ने बृहस्पतिवार को चीन के बंदरगाह शहर चिंगदाओ में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सम्मेलन के मौके पर द्विपक्षीय वार्ता की, जिसमें वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति व स्थिरता बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
Held talks with Admiral Don Jun, the Defence Minister of China, on the sidelines of SCO Defence Minitsers’ Meeting in Qingdao. We had a constructive and forward looking exchange of views on issues pertaining to bilateral relations.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) June 27, 2025
Expressed my happiness on restarting of the… pic.twitter.com/dHj1OuHKzE
जटिल मुद्दों को सुलझाने का किया आह्वान
भारत की ओर से जारी एक बयान के अनुसार रक्षा मंत्री ने सर्वोत्तम पारस्परिक लाभ के लिए ‘अच्छे पड़ोस की परिस्थितियां’ कायम करने की आवश्यकता पर जोर दिया और 2020 में पूर्वी लद्दाख में हुए गतिरोध के परिणामस्वरूप उत्पन्नविश्वास की कम को दूर करने के लिए ‘जमीनी स्तर पर कार्रवाई’ का आह्वान किया। नई दिल्ली में रक्षा मंत्रालय ने बताया कि सिंह ने दोंग को निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाकर किए गए पहलगाम आतंकवादी हमले और पाकिस्तान में आतंकवादी नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बारे में भी जानकारी दी।
मंत्रालय ने कहा कि दोनों मंत्रियों ने मौजूदा तंत्रों के माध्यम से सैनिकों की वापसी, तनाव कम करने, सीमा प्रबंधन और अंततः सीमा निर्धारण से संबंधित मुद्दों पर आगे बढ़ने के लिए विभिन्न स्तरों पर परामर्श जारी रखने पर सहमति व्यक्त की। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैन्य गतिरोध समाप्त करने के लिए पिछले साल अक्टूबर में सहमति बनी थी, जिसके बाद नयी दिल्ली और बीजिंग के संबंधों को फिर से स्थापित करने के प्रयासों के बीच भारतीय रक्षा मंत्री की यह चीन यात्रा हुई है।
राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में दोंग के साथ बातचीत को ‘सार्थक’ बताया। उन्होंने कहा, हमने द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े मुद्दों पर सार्थक और दूरदर्शितापूर्ण वार्ता की। लगभग छह साल के अंतराल के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू होने पर खुशी जाहिर की। राजनाथ ने कहा, ‘दोनों पक्षों के लिए यह आवश्यक है कि वे इस सकारात्मक गति को बनाए रखें और द्विपक्षीय संबंधों में नयी जटिलताओं से बचें।’
भारत-चीन सीमा पर शांति बनाए रखने की चर्चा की
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि सिंह और दोंग ने भारत-चीन सीमा पर शांति बनाए रखने की आवश्यकता पर गहन चर्चा की। मंत्रालय ने कहा कि सिंह ने द्विपक्षीय संबंधों को दोबारा सामान्य के लिए दोनों पक्षों की ओर से किए जा रहे कार्यों की सराहना की। बयान में कहा गया है, ‘उन्होंने स्थायी संपर्क और तनाव कम करने के एक स्थापित तंत्र के माध्यम से जटिल मुद्दों को हल करने की आवश्यकता का उल्लेख किया।’
बयान के अनुसार, ‘सिंह ने सीमा प्रबंधन और इस मुद्दे पर स्थापित तंत्र को पुनर्जीवित करके सीमा मुद्दे का स्थायी समाधान निकालने पर भी जोर दिया।’ मंत्रालय ने कहा कि रक्षा मंत्री ने ‘सर्वोत्तम पारस्परिक लाभ हासिल करने के लिए पड़ोसी देशों के बीच अच्छा माहौल बनाने की आवश्यकता और एशिया और विश्व में स्थिरता के लिए सहयोग करने पर भी जोर दिया।’ बयान में कहा गया है, उन्होंने 2020 के सीमा गतिरोध के बाद पैदा हुई विश्वास की कमी को जमीनी स्तर पर कदम उठाकर दूर करने का भी आह्वान किया।
During his visit to China for the SCO Defence Ministers' Meet, Defence Minister Rajnath Singh presented a
— ANI (@ANI) June 27, 2025
Madhubani painting from Bihar, to his Chinese counterpart.
This painting has its origins in the Mithila region of Bihar. It is also known as Mithila or Madhubani art. It… pic.twitter.com/z5t5xakpHR
राजनाथ सिंह ने भेज की मधुबनी पेंटिंग ‘ट्री ऑफ लाइफ’
मंत्रालय ने कहा कि सिंह ने दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 साल पूरे होने के महत्वपूर्ण अवसर का भी जिक्र किया और पांच साल के अंतराल के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने की सराहना की। अधिकारियों ने बताया कि सिंह ने दोंग को एक मधुबनी पेंटिंग ‘ट्री ऑफ लाइफ’ भी भेंट की।
चीन की ओर से जारी बयान के अनुसार, सिंह ने दोंग के साथ बैठक में कहा कि भारत चीन के साथ संघर्ष या टकराव नहीं चाहता, तथा वह मतभेदों को उचित ढंग से निपटाने, संवाद बढ़ाने एवं द्विपक्षीय संबंधों के सतत विकास के लिए आपसी विश्वास को बढ़ावा देने का इच्छुक है। तिब्बत में कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली के बीच सिंह की चिंगदाओ यात्रा हुई है। कैलाश मानसरोवर यात्रा को शुरू में 2020 में कोविड-19 महामारी और उसके बाद पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर दोनों पक्षों के बीच सैन्य गतिरोध के कारण निलंबित कर दिया गया था।
गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद हो गया था तनाव
चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील की तीर्थयात्रा हिंदुओं के साथ-साथ जैन और बौद्धों के लिए भी धार्मिक महत्व रखती है। पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध मई 2020 में शुरू हुआ और उस वर्ष जून में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के परिणामस्वरूप दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए। पिछले वर्ष 21 अक्टूबर को हुए समझौते के तहत डेमचोक और देपसांग के अंतिम दो टकराव बिंदुओं से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद गतिरोध प्रभावी रूप से समाप्त हो गया।