इस्लामाबाद में चल रहे SCO सम्मेलन में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बढ़ते आतंकवाद और उग्रवाद पर चिंता जताई साथ ही पाकिस्तान और चीन को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि यदि सीमा पार की गतिविधियां आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद पर आधारित होंगी तो व्यापार, ऊर्जा और संपर्क सुविधा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ने की संभावना नहीं है.सहयोग आपसी सम्मान और समानता पर आधारित होना चाहिए और इसमें राष्ट्रों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को मान्यता दी जानी चाहिए.
सहयोग के लिए विश्वास महत्वपूर्ण है : जयशंकर
जयशंकर ने कहा कि सहयोग के लिए विश्वास महत्वपूर्ण है और यदि समूह मिलकर आगे बढ़ता है तो एससीओ सदस्य देशों को काफी लाभ हो सकता है.उन्होंने कहा कि सहयोग आपसी सम्मान और संप्रभुता की समानता पर आधारित होना चाहिए.
चीन को लेकर विदेश मंत्री ने की ये टिप्पणी
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, ”इसमें क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को मान्यता दी जानी चाहिए.इसे वास्तविक साझेदारी पर आधारित होना चाहिए, न कि एकतरफा एजेंडे पर. अगर हम वैश्विक व्यवस्थाओं, खासकर व्यापार और पारगमन के क्षेत्रों में अपने फायदे के हिसाब से चयन करेंगे तो यह (सहयोग) आगे नहीं बढ़ सकता.उनकी इस टिप्पणी को अहम मुद्दों पर चीन के आक्रामक व्यवहार के परोक्ष संदर्भ के रूप में देखा जा रहा है.