Russia-Ukraine War : कीव। रूस ने ड्रोन और मिसाइलों से शुक्रवार रात से लेकर शनिवार तक यूक्रेन की विद्युत ग्रिड पर भीषण हमले किए। यूक्रेन की एक ऊर्जा कंपनी ने यह जानकारी दी। इससे एक दिन पहले अधिकारियों ने बताया था कि रूस ने यूक्रेन के प्राकृतिक गैस प्रतिष्ठानों पर शुक्रवार को हमले किए जो साढ़े तीन साल पहले मॉस्को द्वारा शुरू किए गए पूर्ण आक्रमण के बाद से सबसे बड़ा हमला है।
50 हजार घरों में बिजली गुल
क्षेत्रीय संचालक चेर्निहिवोब्लेनेर्गो के अनुसार, विद्युत ग्रिड पर हमलों के कारण रूसी सीमा के निकट उत्तरी शहर चेर्निहिव के निकट ऊर्जा सुविधाएं क्षतिग्रस्त हो गईं तथा बिजली आपूर्ति बाधित होने के कारण लगभग 50,000 घरों के प्रभावित होने की आशंका है। चेर्निहिव सैन्य प्रशासन के प्रमुख दिमित्रो ब्रायजिन्स्की ने पुष्टि की कि शहर पर रात के समय हुए रूसी हमले के कारण कई स्थानों पर आग लग गई लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि इससे कितना नुकसान हुआ। यूक्रेनी अधिकारियों ने बताया कि इससे एक दिन पहले रूस ने यूक्रेन के सरकारी स्वामित्व वाले नाफ्तोगाज समूह द्वारा संचालित प्राकृतिक गैस सुविधाओं पर युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक का सबसे बड़ा हमला किया था।

रूस ने यूक्रेन पर 381 ड्रोन और 35 मिसाइल से ताबड़तोड़ हमले किए
यूक्रेनी वायुसेना के अधिकारियों ने बताया कि रूस ने यूक्रेन पर शुक्रवार को 381 ड्रोन और 35 मिसाइल से बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए। उन्होंने इन हमलों को सर्दियों से पहले यूक्रेन में बिजली आपूर्ति सुविधाओं को नष्ट करने की कोशिश करार दिया। नाफ्तोगाज समूह के मुख्य कार्यकारी सेरही कोरेत्स्की ने शुक्रवार को कहा कि इन हमलों का कोई सैन्य उद्देश्य नहीं था, जबकि यूक्रेनी प्रधानमंत्री यूलिया स्विरीडेंको ने रूस पर ‘‘आम नागरिकों को आतंकित करने’’ का आरोप लगाया।
वहीं, रूस ने दावा किया कि हमलों में कीव के युद्ध प्रयासों का समर्थन करने वाली सुविधाओं को लक्ष्य बनाया गया। यूक्रेनी सेना ने बताया कि शुक्रवार रात से लेकर शनिवार तक रूसी सेना ने यूक्रेन पर 109 ड्रोन और तीन बैलिस्टिक मिसाइल दागीं। यूक्रेनी सेना ने बताया कि इनमें से 73 ड्रोन या तो मार गिराए गए या अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाए। रूस द्वारा फरवरी 2022 में अपने पड़ोसी देश पर किए गए आक्रमण के बाद से हर साल सर्दी आते ही रूसी सेना यूक्रेन की विद्युत ग्रिड पर हमले करती है। यूक्रेन का कहना है कि यह आम नागरिकों को रोशनी और पानी से वंचित करके सर्दियों को हथियार बनाने की कोशिश है।