US-Russia: न्यूयॉर्क/वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को कहा कि वह रूस पर ‘‘दूसरे चरण’’ के प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार हैं। ट्रंप से ‘व्हाइट हाउस’ (अमेरिकी राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास एवं कार्यालय) के बाहर पूछा गया था कि क्या वह रूस पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार हैं, इसके जवाब में उन्होंने कहा, हां, मैं तैयार हूं। ट्रंप की यह टिप्पणी अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट के उस बयान के तुरंत बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर अमेरिका और यूरोपीय संघ रूस से कच्चा तेल खरीदने वाले देशों पर और अधिक प्रतिबंध लगाते हैं तो रूसी अर्थव्यवस्था ‘‘ध्वस्त’’ हो जाएगी।

बेसेंट ने दिया रूसी अर्थव्यवस्था ‘ध्वस्त’ करने का फॉर्मूला
बेसेंट ने ‘एनबीसी न्यूज’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप और उपराष्ट्रपति जे डी वेंस की यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के साथ एक बहुत ही सार्थक बातचीत हुई। ट्रंप और वेंस ने यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष से शुक्रवार को बातचीत की और इस बात पर भी चर्चा की कि रूस पर और दबाव बनाने के लिए अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) क्या कर सकते हैं।
ट्रंप प्रशासन ने रूसी तेल की खरीद के लिए भारत पर पहले से घोषित 25 प्रतिशत जवाबी शुल्क के अलावा अतिरिक्त 25 प्रतिशत का शुल्क लगाया है, जिससे 27 अगस्त से भारत पर लगाया गया शुल्क कुल 50 प्रतिशत हो गया है। पिछले हफ्ते ट्रंप ने कहा कि उन्होंने रूसी तेल की खरीद के लिए भारत पर द्वितीयक प्रतिबंध लगाए हैं जो चीन के बाहर सबसे बड़ा खरीदार है और संकेत दिया कि उन्होंने अब तक चरण दो या चरण तीन लागू नहीं किए हैं।
भारत ने अमेरिका द्वारा लगाए गए शुल्कों को बताया अनुचित
बेसेंट और व्यापार सलाहकार पीटर नवारो सहित ट्रंप प्रशासन के कई अधिकारियों ने कहा है कि भारत का रूसी तेल खरीदना यूक्रेन में रूसी युद्ध प्रयासों का वित्तपोषण कर रहा है। भारत ने अमेरिका द्वारा लगाए गए शुल्कों को अनुचित बताया है। रूसी कच्चे तेल की अपनी खरीद का बचाव करते हुए भारत यह कहता रहा है कि उसकी ऊर्जा खरीद राष्ट्रीय हित और बाजार की गतिशीलता से प्रेरित है।