मुंबई,भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी कि इसमें कहा गया है कि मजबूत निवेश मांग के दम पर भारत की GDP वृद्धि मजबूत बनी है,इसे बैंकों तथा कॉरपोरेट जगत की स्वस्थ बैलेंस शीट,पूंजीगत व्यय पर सरकार के ध्यान देने और विवेकपूर्ण मौद्रिक, नियामक तथा राजकोषीय नीतियों से समर्थन मिला है. RBI ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 7 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया है.
भारतीय अर्थव्यवस्था ने 2023-24 में मजबूत गति से किया विस्तार
RBI ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने 2023-24 (अप्रैल 2023 से मार्च 2024 वित्त वर्ष) में मजबूत गति से विस्तार किया, जिससे वास्तविक GDP वृद्धि दर बढ़कर 7.6 प्रतिशत हो गई. यह 2022-23 में 7.0 प्रतिशत थी.यह लगातार तीसरे वर्ष 7 प्रतिशत या उससे अधिक रही.
2024-25 में GDP 7 प्रतिशत रहने का अनुमान
आरबीआई ने कहा, ‘2024-25 के लिए वास्तविक (सकल घरेलू उत्पाद) जीडीपी वृद्धि 7.0 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जिसमें जोखिम दोनों तरफ समान रूप से संतुलित होंगे.’इसमें कहा गया कि वित्त वर्ष 2023-24 में अर्थव्यवस्था ने लगातार चुनौतियों के बावजूद जुझारुपन दिखाया.
RBI की रिपोर्ट के अनुसार, कुल मुद्रास्फीति के निर्धारित स्तर की ओर बढ़ने से खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोग मांग में तेजी आएगी। बाह्य क्षेत्र की मजबूती और विदेशी मुद्रा भंडार घरेलू आर्थिक गतिविधियों को वैश्विक प्रभावों से बचाएंगे.
हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि भू-राजनीतिक तनाव, भू-आर्थिक विखंडन, वैश्विक वित्तीय बाजार में अस्थिरता, अंतरराष्ट्रीय जिंस कीमतों में उतार-चढ़ाव और अनिश्चित मौसम संबंधी घटनाक्रम वृद्धि के कम होने और मुद्रास्फीति के बढ़ने का जोखिम उत्पन्न करती है.RBI ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारतीय अर्थव्यवस्था को एआई/एमएल (कृत्रिम मेधा/मशीन लर्निंग) प्रौद्योगिकियों को तेजी से अपनाने के साथ-साथ बार-बार आने वाले जलवायु झटकों से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करना होगा.