जयपुर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ ने पार्टी द्वारा कुछ सांसदों को राजस्थान विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाए जाने को सत्तारूढ़ कांग्रेस को हराने के लिए भाजपा के तरकश से निकले तीर करार दिया है। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 21 से अधिक सीट नहीं मिलेगी। राज्य में कुल 200 सीट हैं जिनके लिए 25 नवंबर को मतदान होगा।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और सात बार के विधायक राठौड़ ने यह भी कहा कि वह मुख्यमंत्री पद की दौड़ में नहीं हैं। अशोक गहलोत ने कहा है कि भाजपा ने मौजूदा सांसदों को विधानसभा चुनाव में उतारकर पहले ही हार मान ली है। इस बयान पर पर राठौड़ ने कहा इसलिए हमारा आलाकमान बहुत सोच-समझ कर निर्णय लेता है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में भी हमारे सांसद विधानसभा चुनाव में उतरे हैं। इस बार कांग्रेस को हराने के लिए हम तरकश से हर तीर निकालेंगे। उसमें से एक तीर हमारे सांसद हैं।
भाजपा ने राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए अपने 41 प्रत्याशियों की पहली सूची सोमवार को जारी की जिसमें राज्यवर्धन राठौड़ एवं बालकनाथ सहित सात मौजूदा सांसद के नाम भी हैं। उनमें लोकसभा सांसद नरेंद्र कुमार को मंडावा, दिया कुमारी को विद्याधर नगर, राज्यवर्धन राठौड़ को झोटवाड़ा, भागीरथ चौधरी को किशनगढ़, देवजी पटेल को सांचौर और बालक नाथ को तिजारा तथा राज्यसभा सदस्य किरोड़ी लाल मीणा को सवाई माधोपुर से चुनाव मैदान में उतारा गया है। पार्टी की ओर से पहली सूची में घोषित 41 उम्मीदवारों में राजेंद्र राठौड़ का नाम नहीं है।
यह पूछे जाने पर कि पार्टी का मुख्यमंत्री पद का चेहरा कौन है, राठौड़ ने कहा कि प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चेहरा हैं और नतीजे आने के बाद पार्टी का विधायक दल मुख्यमंत्री पर फैसला करेगा। हमारे पास दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता प्रधानमंत्री मोदी हैं, वह ही हमारा चेहरा हैं उनके पीछे हम खड़े है और समय आने पर हमारा विधायक दल तय करेगा। हम उस दूल्हे की बारात में सज-धज कर खड़े हो जायेंगे। कोई भी मुख्यमंत्री की दौड़ में नहीं है। मैं तो कतई नहीं हूं।
पार्टी के स्थानीय नेतृत्व को आगे लाने के बजाय राज्य में चुनावी प्रचार अभियान की अगुवाई प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किए जाने पर राठौड़ ने कहा कि मोदी दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता हैं। उन्होंने सवाल किया कि उन्हें राज्य में क्यों नहीं आना चाहिए। उन्होंने कहा आज हमें गर्व है कि दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता हमारे पास हैं। प्रधानमंत्री के आने से शानदार वातावरण बनता है इसलिए वह आते हैं। ये चुनाव हैं, तो हमारा सेनानायक क्यों नहीं आयें। भाजपा में कोई भी पद महत्वपूर्ण नहीं है। भाजपा में कोई पद अहमियत नहीं रखता। कल को मुझे कह दिया जाए चुनाव नहीं लड़ना, लेकिन कार्यकर्त्ता तो हम हैं ही।
राठौड़ ने कहा कि आचार संहिता लागू होने से कुछ समय पहले ही कई बोर्ड बनाए गए और नियुक्तियां की गई, साथ ही, बिना किसी वित्तीय प्रावधान के तीन नए जिलों की घोषणा की गई। भाजपा नेता ने 13 जिलों से गुजरने वाली पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को लेकर भी कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री इस परियोजना के लिए कभी गंभीर नहीं थे और उन्होंने केवल राजनीतिक लाभ के लिए एक मुद्दा बनाया, लोग इसे समझते हैं। भाजपा ही ईआरसीपी को पूरा करेगी।
कांग्रेस द्वारा पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को फिर से शुरू करने और चुनाव में इसके असर पर राठौड़ ने कहा कि भाजपा, पुरानी पेंशन योजना में सुधार करेगी। अशोक गहलोत नई पेंशन योजना के जनक थे। अब वह बिना किसी बजटीय प्रावधान के ओपीएस लेकर आए हैं। हम ओपीएस में और सुधार करेंगे। हम इसकी कमियों को दूर करेंगे। कांग्रेस को इस चुनाव में कोई फायदा नहीं मिलेगा।