जयपुर। हर कोई त्योहार अपनों के बीच मनाना चाहता है, इसी वजह से रक्षाबंधन के त्यौहार पर जयपुर जंक्शन और सब स्टेशनों में ट्रेन के लिए और बस स्टेंडों पर बसों में यात्रियों की जबरदस्त भीड़ नजर आ रही है। सिंधी कैंप बस स्टैण्ड और रेलवे स्टेशन व गांधी नगर रेलवे स्टेशन पर भारी भीड़ के कारण पैर रखने तक की जगह यात्रियों को नहीं मिल रही है। अपनों के साथ त्यौहार मनाने के लिए लोग ट्रेनों में गेट तक लटक कर सफर कर रहे हैं। ऐसा नजारा ट्रेन और बसों में देखा जा रहा है। बस के लिए नारायण सिंह सर्किल पर रक्षाबंधन के पूर्व दिवस पर लोगों में दिनभर धक्का-मुक्की होती रही। यह स्थिति रोडवेज सहित प्राइवेट बसों में बनी हुई है।वहीं, जहां एक ओर प्रदेश में रोडवेज की बसों की संख्या में कमी दर्ज हो रही है, तो वहीं यात्रीभार के बढ़ने का सिलसिला लगातार जारी है। मंगलवार को सिंधी कैंप बस स्टैण्ड पर बसें ओवरलोड होकर संचालित रही। इतना ही नहीं बसों की भीड़ को देखते हुए बड़ी संख्या में लोग ने अपना रुख निजी बसों की ओर भी किया, लेकिन यहां भी बसें फुल होने के बाद लोगों को निराशा हाथ लगी। ऐसे लोग मनमाना किराया देकर निजी बसों में प्राइवेट वाहनों में सफर को मजबूर नजर आए। वहीं, ऐसी ही भीड़ दो-तीन दिनों तक बनी रहने की संभावना है।
ट्रेन में सीट के लिए मारामारी, महिलाएं व बुजुर्ग दिखे सबसे ज्यादा परेशान
एक दिन पहले मंगलवार सुबह से ही जयपुर रेलवे स्टेशन और गांधी नगर रेलवे स्टेशन पर लोगों की भीड़ दिखाई दी। जो भी ट्रेन आती उसमें बैठने के लिए यात्रियों में होड़ मचती रही। सबसे ज्यादा भीड़ पैसेंजर ट्रेनों में दिखाई दी। इन ट्रेनों में यात्रियों को बैठने तक की जगह भी नहीं मिल रही है। जगह नहीं होने पर यात्री ट्रेनों में गेट तक लटक कर यात्रा कर रहे हैं। यहां जीआरपी और आरपीएफ का कोई सुरक्क्षाकर्मी मामला गड़बड़ाते देख व्यवस्था संभालने पास नही आया। यात्रियों ने लगेज और विकलांग कोच में भी कब्जा जमा लिया। यात्रियों में ज्यादातर संख्या महिलाओं की है जो रक्षाबंधन पर अपने भाईयों को राखी बांधने मायके जा रही है। भाई को राखी बांधने की खुशी और परिवार के लोगों से मिलने का उत्साह महिलाओं के चेहरे पर साफ दिखाई दिया वहीं चिंता भी नजर आ रही थी। जिन लोगों ने रक्षाबंधन के लिए पहले ही रिजर्वेशन करवा लिया था, वे ही आराम से यात्रा नहीं कर पा रहे थे। सामान्य श्रेणी के डिब्बों में अत्यधिक भीड़ होने के कारण लोग रिजर्वेशन कोच में पहुंच गए। यहां भी कुछ ही देर में भीड़ हो गई। ऐसें में लंबी दूरी की ट्रेनों में भी वेटिंग लिस्ट लंबी रही।
रोडवेज ने बढ़ाए फेरे
ट्रेनों के साथ ही बसों में ही पैर रखने की जगह नहीं बची। इसी का फायदा उठाते हुए एक बार फिर निजी बस संचालकों की मनमानी भी बढ़ गई हैं। कई बस मालिकों ने किराया बढ़ा दिया।लोगों की मजबूरी रही कि उन्हें अगर भाई को राखी बांधने जाना है तो अधिक किराया देना पड़ेगा। स्थिति ये है राखी से दो दिन पहले और बाद की बुकिंग पर यात्रियों से सामान्य दिन के मुकाबले दोगुना तक किराया वसूला जा रहा है। वहीं, राजस्थान रोडवेज की ओर से कई बसों के फेरे बढ़ाए गए है, कार्मिकों के अवकाश पर प्रतिबंध भी हैं। फिर भी लोकल रुटों पर बसों की संख्या कम होने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। दोपहर से भीड़ बढ़ना शुरू हुई तो देर शाम तक यह सिलसिला चलता रहा।