Wednesday, July 3, 2024
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Rajasthan Phone Tapping मामले को लेकर राजेंद्र राठौड़ ने CM भजनलाल को लिखा पत्र,उच्च स्तरीय जांच की मांग की,पढ़ें लेटर में क्या लिखा ?

राजस्थान में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान के बीच फोन टैपिंग का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. पूर्व CM अशोक गहलोत के OSD रहे लोकेश शर्मा के फोन टैपिंग को लेकर किए गए दावों को लेकर भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखा है और मामले में उच्च स्तरीय कमेटी का गठन कर दोषियों के खिलाफ के कार्रवाई की मांग की है.

पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि ”आज राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर वर्ष 2020 में कांग्रेस सरकार के समय हुए फोन टैपिंग प्रकरण में तत्कालीन उच्च पदस्थ प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच करवाकर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है’

राजेंद्र राठौड़ ने पत्र में क्या लिखा ?

वर्ष 2020 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के समय मुख्यमंत्री रहे अशोक गहलोत के पूर्व OSD लोकेश शर्मा द्वारा 2 दिन पूर्व फोन टैपिंग से जुड़े प्रकरण को लेकर कांग्रेस सरकार पर जो गंभीर आरोप लगाये हैं उससे स्पष्ट तौर पर प्रमाणित हो रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तत्समय उच्चपदस्थ अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर संविधान प्रदत अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए कानून व नियमों की धज्जियां उड़ाई और सरकारी एजेंसियों पर बेजा दबाव बनाकर अवैधानिक ढंग से जनप्रतिनिधियों के फोन टैप करवाये. पूर्व ओएसडी के द्वारा मानेसर गये कांग्रेस सरकार में पूर्व उपमुख्यमंत्री रहे सचिन पायलट सहित उनके करीब 19 सहयोगी विधायकों के फोन टैप करवाये जाने का प्रमाण देना और स्वीकार करना अत्यन्त गंभीर प्रकरण है.

यह दुर्भाग्य की बात है कि मुख्यमंत्री जैसे जिम्मेदार एवं संवैधानिक पद पर रहते हुए अशोक गहलोत द्वारा ना केवल गैर कानूनी तरीके से फोन टैप करवाये गए अपितु पुलिस प्रशासन की पूरी मशीनरी का भी दुरुपयोग किया गया.अवैध फोन टैप के इस षडयंत्र में उच्च पदस्थ प्रशासनिक अधिकारी एवं पुलिस अधिकारी शामिल थे जो आज भी उच्च पदों पर पदस्थापित है.अतः इस संबंध में उच्च स्तरीय कमेटी द्वारा निष्पक्ष जांच करवाकर इनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई करना जरूरी है.

राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि इंडियन टेलीग्राफ एक्ट 1885 की धारा 5 (2) एवं नियमों के अनुसार देश की अखण्डता, सम्प्रभुता या जन सुरक्षा, गंभीर अपराध कारित किये जाने की संभावनाओं में या पड़ोसी देश के मित्रवत रिश्तों में संभावित रुकावट इत्यादि को देखते हुए केन्द्र सरकार या राज्य सरकार लिखित में कारणों का उल्लेख करते हुए प्राधिकृत अधिकारी किसी भी संदेश या टेलीफोन को इंटरसेप्ट कर सकेगा. यानी विधिक कानूनी प्रक्रिया अपनाकर और सक्षम स्तर से अनुमति के उपरांत ही टेलीफोन रिकॉर्डिंग की जा सकती है.लेकिन विगत कांग्रेस सरकार के समय जो फोन टैपिंग की प्रक्रिया अपनाई गई उसमें कहीं भी यह नहीं लगता कि देश की अखण्डता, सम्प्रभुता या जन सुरक्षा का गंभीर अपराध कारित किये जाने की संभावना रही.

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