जयपुर । सोमवार को विधानसभा की कार्यवाही हंगामे के साथ शुरु हुई. विधायक राजेंद्र गुढ़ा आर स्पीकर सीपीजोशी के बीच तीखी नोक झोक हुई। जिसके बाद स्पीकर ने विधायक गुढ़ा को सदन से बाहर जाने के आदेश दिया। विधानसभा मे हंगामा इस कदर बढ़ गया कि स्पीकर सीपीजोशी ने मार्शलों को आदेश दिया । इसके बाद मार्शल ने विधायक राजेंद्र गुढा को सदन से बाहर कर दिया।
इससे पहले शुक्रवार को विधायक गुढ़ा को मंत्रीमण्डल से बर्खास्त कर दिया था। उसके बाद से पूर्व राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं.मंत्री पद गवाने के बाद भी गुढ़ा ने माफी मांगने साफ इंकार कर दिया है। साथ ही उन्होने सरकार को चेतावनी दी है और कहा “मैंने कुछ गलत नहीं कहा, प्रदेश में महिलाओं पर अत्याचार बढ़ रहे हैं, मैं सदन में जवाब दूंगा, हमें बोलने नहीं दिया गया लेकिन अब मैं आजाद हूं. वहीं माफी मांगने के सवाल पर गुढ़ा ने कहा कि उन्होंने माफी की बजाय लड़ने का फैसला किया है. विधानसभा की कार्यवाही शुरु होते ही पूर्व मंत्री गुढा ने अपने चैबंर से बाहर निकल आए। और स्पीकर जोशी से बहस करने लगे। इस पर स्पीकर जोशी ने गुढा से कहा कि आप पहले मुझसे मेरे चैंबर मे आकर मिले उसके बाद आपको बोलने दिया जाएगा । गुढ़ा इस बात को लेकर नाराज थे। गुढ़ा ने स्पीकर सीपीजोशी के सामने एक लाल डॉयरी को लहराना शुरु कर दिया था। विधानसभा के अंदर मंत्री शांति धारीवाल भी बोल रहे थे लेकिन गुढा के हंगामे के बाद स्पीकर ने विधानसभा को स्थगित कर दिया।
सदन से बाहर निकलने के बाद गुढ़ा मीडिया से मुखातिब हुए । उन्होने कहा कि कांग्रेस सरकार के मंत्रियों और विधायकों ने मुझे सदन में पीटा। मंत्री शांति धारीवाल ने लात मारी। गुढ़ा ने कहा कि वे लाल डायरी के दस्तावेज सदन में रखना चाहते थे, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने अनुमति नहीं दी। इसलिए वे अध्यक्ष के आसान तक पहुंचे और लाल डायरी रखने की अनुमति मांगी। वे यह भी जानना चाहते थे कि उन्हें गत 21 जुलाई को बिना कारण बताए बर्खास्त क्यों कर दिया गया। बर्खास्तगी के बाद कांग्रेस के नेताओं ने जो आरोप लगाए उनका जवाब भी विधानसभा में देना चाहता था, लेकिन कांग्रेस के मंत्रियों और विधायकों ने मुझे बोलने का अवसर नहीं दिया। इतना ही नहीं मेरे हाथ से लाल डायरी भी छीन ली। लेकिन मैं अब चुप बैठने वाला नहीं हूं। मैंने राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार को दो दो बार बचाया है और आज मुझे ही सदन में पीटा जा रहा है। गुढ़ा ने कहा कि पूर्व में जब RTDC के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ के यहां इनकम टैक्स और ED की रेड़ हुई थी, तब Cm अशोक गहलोत ने उन्हें ही अंदर भिजवाया और डायरी लाने की जिम्मेदारी दी, मैंने अपनी जान जोखिम में डालकर वो डायरी हासिल की। यदि वो डायरी इनकम टैक्स और ईडी के अधिकारियों के पास पहुंच जाती तो अशोक गहलोत को जेल जाना पड़ता। जिस व्यक्ति को मैंने जेल जाने से बचाया आज उसी व्यक्ति के मुख्यमंत्री रहते हुए विधानसभा में मुझे अपमानित किया गया है। गुढ़ा ने कहा कि अब मैं चुप रहने वाला नहीं हूं। 24 जुलाई को जिस प्रकार राजेंद्र गुढ़ा को विधानसभा से बाहर फेंकवाया गया, इससे प्रतीत होता है कि अब गुढ़ा को विधानसभा में बोलने का अवसर नहीं दिया जाएगा। विधानसभा के अध्यक्ष सीपी जोशी ने भी गुढ़ा के आचरण पर भारी एतराज जताया है। हंगामे के बाद ही विधानसभा की कार्यवाही को भी स्थगित करना पड़ा। गुढ़ा ने विधानसभा में जो लाल फाइल उसे मीडिया के सामने भी दिखाया गया। गुढ़ा ने कहा कि यदि विधानसभा के अंदर बोलने नहीं दिया जाता है तो मैं ये सभी दस्तावेज मीडिया के सामने रख दूंगा। गुढ़ा ने कहा कि मेरे परिवार की तीन पीढिय़ों ने महिलाओं की रक्षा के लिए बलिदान दिया है। मैं भी कोई भी बलिदान देने को तैयार हूं।