जयपुर। मानसून में हिमालय में आई भारी तबाही पहाड़ी राज्यों के शीतकालीन पर्यटन पर गहरा असर डालेगी। इन्फ्रास्ट्रक्चर के भयंकर नुकसान के चलते पर्यटक इन राज्यों में बर्फबारी का आनंद लेने नहीं जा पाएंगे। ऐसे में पर्यटक राजस्थान का रुख कर सकते हैं। इसके संकेत दिखाई देने लगे हैं। बड़ी कारोबारी कंपनियां ऐसे अवसरों को समय से पहले ही भांप कर चलती हैं। एयरलाइन कंपनियों ने अभी से इसकी तैयारी शुरू कर दी है। इंडिगो और स्पाइस जेट ने आगामी पर्यटन सीजन को देखते हुए पर्यटन के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध जैसलमेर को एयर कनेक्टिविटी प्रदान की है। अक्टूबर में पर्यटन सीजन शुरू होने के साथ ही जैसलमेर से 8 फ्लाइटें संचालित की जाएंगी और इसके बाद दिल्ली, मुम्बई और अहमदाबाद से देशी-विदेशी पर्यटक सीधे जैसलमेर पहुंच पाएंगे। जैसलमेर को जयपुर से भी कनेक्ट किया गया है, क्योंकि जयपुर भी शीतकालीन पर्यटन का प्रमुख स्थल है।
इस साल नहीं हो पाएगा पहाड़ों में पर्यटन
हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और कश्मीर में सर्दियों के सीजन में पर्यटक बफबारी का आनंद लेने के लिए पहुंचते थे। आसमान से बरसती बर्फ और उसके गोले बनाकर फेंकने का आनंद पर्यटकों को बहुत भाता है। इन राज्यों बर्फबारी का समय प्रमुख पर्यटन सीजन भी होता है। यहां पहुंचने वाले अधिकांश पर्यटक सड़क मार्ग के जरिए ही यहां पहुंचते थे, लेकिन सड़क और रेल नेटवर्क प्रभावित होने के कारण अब पर्यटक यहां नहीं पहुंच पाएंगे।
कनेक्टिविटी के सुधार में लगेगा लंबा समय
पर्यटन क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि हिमालय के पहाड़ों में बारिश, बादल फटने और बाढ़ के कारण भारी तबाही आई है। सड़क और रेल नेटवर्क बुरी तरह प्रभावित हुआ है। ऐसे में अक्टूबर के बाद ही उसे सुधारने का काम शुरू होगा। कुछ दिन काम होने के बाद बर्फबारी के कारण काम मंदा हो सकता है। इसलिए इन राज्यों की कनेक्टिविटी ठीक होने में छह महीने से भी अधिक का समय लग जाएगा।
जैसलमेर व जयपुर की दिल्ली व मुम्बई एयर कनेक्टिविटी से राजस्थान के पर्यटन क्षेत्र को काफी फायदा होगा। एयरलाइन कंपनियों का यह कदम राजस्थान पर्यटन के लिए मील का पत्थर साबित होगा। राजस्थान अब पर्यटकों के लिए काफी सुविधाजनक हो गया है। वन्दे भारत ट्रेन के जरिए जयपुर-दिल्ली की कनेक्टिविटी हो गई है। वहीं दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस वे के जरिए भी पर्यटकों की पहुंच प्रदेश के पर्यटन स्थलों तक बढ़ी है।