जयपुर। सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि गोवंश का हमारी संस्कृति और समाज में प्राचीन काल से महत्व रहा है. प्रदेश में अनेक त्यौहार गोवंश पर केन्द्रित हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में गोवंश संरक्षण के लिए गोपालन विभाग बनाया और राजस्थान गोसेवा आयोग का पुनर्गठन किया. उन्होंने कहा कि प्रदेश में गौशालाओं की स्थापना, सहायता और विकास में हर सम्भव सहयोग किया जा रहा है. इस दौरान आमजन की मांग तथा उच्च स्तरीय समिति की अनुशंसा के अनुसार मुख्यमंत्री ने प्रदेश में तीन नए जिले मालपुरा, कुचामन सिटी एवं सुजानगढ़ की घोषणा की. उन्होंने कहा कि आगे भी उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों पर सीमांकन सहित विभिन्न परेशानियों को दूर किया जा सकेगा.
सीएम गहलोत शुक्रवार को जयपुर के मानसरोवर में गो सेवा समिति द्वारा आयोजित गो सेवा सम्मेलन को संबोधित किया . उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सेवा ही धर्म और सेवा ही कर्म के सिद्धांत पर कार्य कर रही है. हम कोई भी योजना और कार्यक्रम का संचालन आमजन के रचनात्मक सुझावों के आधार पर करते हैं. राजस्थान गोसेवा समिति के सुझावों पर भी राज्य सरकार अवश्य ही ध्यान देगी. इस दौरान मुख्यमंत्री ने गौपूजन किया. मुख्यमंत्री ने इस दौरान गौशालाओं में नंदीओं को रखे जाने तथा उन्हें 12 माह का अनुदान देने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में गौशालाओं को भी 12 माह का अनुदान देने का प्रावधान किया जाएगा तथा चारागाह माफियाओं पर भी अंकुश लगाया जाएगा. सीएम गहलोत ने कहा कि 2030 तक राजस्थान को अग्रणी राज्य बनाने के लिए मिशन 2030 के तहत 3.32 करोड़ सुझावों के आधार पर विजन डॉक्यूमेंट जारी किया जा चुका है.
सीएम ने कहा कि राजस्थान गो सेवा समिति से प्रदेश में गौ माता की सेवा के लिए नीतियां बनाने और निराश्रित, भूखी-प्यासी और पीड़ित गायों का संरक्षण संभव हुआ। उन्होंने कहा कि वर्ष 2008 से पहले प्रदेश में 1100 गौशालाओं में 3 लाख गौ माता की सेवा होती थी। वर्तमान में 3200 गौशालाओं में 13 लाख से अधिक गौ माता की सेवा हो रही है। श्री गहलोत ने कहा कि राजस्थान में गौ सेवा के लिए जितना कार्य हुआ है उतना पूरे देश में कहीं किसी राज्य में नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार के इन्हीं कार्यों से प्रेरणा लेकर अन्य प्रदेश भी कार्य करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं.
समारोह में गोधाम पथमेड़ा के पूज्य दत्तशरणानन्द महाराज, राज्य स्तरीय बीसूका समिति के अध्यक्ष डॉ. चन्द्रभान, राजस्थान गोसेवा समिति के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गिरीजी महाराज, महासचिव रघुनाथ सिंह राजपुरोहित, 500 से अधिक साधु संत, हजारों की संख्या में गौशाला संचालक, प्रबंधक सहित अन्य जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ अधिकारी एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे.