जोधपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय ने मंगलवार को राज्य सरकार को नोटिस जारी कर इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना के दूसरे चरण में स्मार्टफोन के बजाय स्मार्टफोन गारंटी कार्ड जारी करने की वैधता पर जवाब मांगा।
न्यायमूर्ति विजय बिश्नोई और योगेन्द्र कुमार पुरोहित की खंडपीठ ने 2,500 करोड़ रुपये के बजट पर लगभग एक करोड़ चिरंजीवी कार्ड धारक परिवारों की महिला प्रमुखों को इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ स्मार्टफोन गारंटी कार्ड वितरित करने के योजना विभाग के आदेश की वैधता और औचित्य को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका को स्वीकार करते हुए नोटिस जारी किया।
अदालत ने योजना के दूसरे चरण में स्मार्टफोन के बजाय गारंटी कार्ड जारी करने की तर्कसंगतता, आनुपातिकता और वैधता पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। मुदित नागपाल द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि आदेश में घोषणा की गई थी कि इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना के दूसरे चरण में महिलाओं को गारंटी कार्ड दिखाने पर मुफ्त में स्मार्टफोन मिलेंगे। योजना के पहले चरण में 40 लाख स्मार्टफोन वितरित किए गए थे। नागपाल ने अपनी याचिका में अनुरोध किया था कि 21 अगस्त को जारी आदेश को अवैध घोषित करते हुए रद्द किया जाए।