दिल्ली । राजधानी में आज चुनाव आयोग की अहम बैठक हुई है. देश के पांच राज्यों में साल के अतं में विधानसभा चुनाव होने वाले है. सूत्रों के हवाले से खबर मिल रही है कि नवंबर के दूसरे हफ्ते से दिसंबर के पहले हफ्ते में अलग-अलग तारीखों और चरणों में मतदान की प्रक्रिया हो सकती है. साल 2018 में राजस्थान, मध्य प्रदेश, मिजोरम और तेलंगाना में चुनाव आयोग ने एक ही चरण में चुनाव कराए थे. इस बार भी चुनाव आयोग यही फार्मूला अपनाने जा रहा है. हालाकि छत्तीसगढ़ में चुनाव आयोग दो चरणों में मतदान कराने का प्लान बना रहा है. लेकिन सूचना मिल रही है कि भले ही मतदान की तारीख अलग-अलग हो लेकिन सभी चुनावी राज्यों की मतगणना एक साथ कराई जा सकती है. चुनाव आयोग की इस बैठक में 5 राज्यों के करीब 900 चुनावी ऑब्जर्वर शामिल हुए. मीटिंग में जनरल ऑब्जर्वर, एक्सपेंडिचर और सिक्योरिटी ऑब्जर्वर भी मौजूद रहे. यह बैठक दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में हुई, जिसमें मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार और दोनों चुनाव आयुक्त भी शामिल रहे.
- राजस्थान में 200 सीटें
- मध्यप्रदेश में 230 सीटें
- छत्तीसगढ़ में 90 सीटें
- मिजोरम की 40 सीटें
- तेलंगाना की 119 सीटें
राजस्थान में किस की कितनी तैयारी
राजस्थान में वर्तमान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार है सीएम अशोक गहलोत मिशन 2030 के साथ-साथ सरकार रिपीट करवाकर इतिहास बनाना चाहते है सीएम गहलोत अब तक 3 बार मुख्यमंत्री रहे है. अशोक गहलोत दिन रात ताबड़तोड़ दौरे कर रहे है. सत्ता परिवर्तन को लेकर प्रदेश बीजेपी भी जी तोड़ मेहनत कर रही है. सितम्बर के पहले हफ्ते मे भाजपा द्वारा परिवर्तन यात्रा निकाली गई है. पीएम मोदी अब तक 9 बार राजस्थान का दौरा कर चुके है पीएम को अपनी सभाओं में सीएम गहलोत सहित कांग्रेस को लपेटे हुए देखा जा रहा है. आने वाला वक्त बताएगा कि राजस्थान में बीजेपी सत्ता परिवर्तन करेगी या फिऱ सीएम गहलोत कांग्रेस की सरकार रिपीट करके एक नया इतिहास रचेगी.
सीएम फेस को लेकर नेताओं की अंदरुनी कलह पार्टी की छवि को धूमिल कर रही है. फिलहाल पीएम मोदी ने अपनी रैली में यह साफ कर दिया है कि भाजपा सिर्फ और सिर्फ कमल पर चुनाव लड़ेगी. लेकिन सूत्रो की माने तो भाजपा के लिए अबकि बार सीएम फेस चुनना बड़ी टेड़ी खीर साबित होगा. भाजपा गुजरात फार्मुले को भी यहां पर लागू करने की योजना बना रही है. राजस्थान में भाजपा से सीएम फेस के लिए प्रमुख नेता वसुंधरा राजे, सीपी जोशी, गजेंद्र सिंह शेखावत,सतीश पूनिया हो सकते है. वही कांग्रेस में पायलट-गहलोत गुट की कलह किसी से छुपी नही है सार्वजनिक मंच पर भले ही यह दोनो नेता एक साथ होने का दावा करते है लेकिन अंदर खाने का माजरा कुछ और ही है. वही रालोपा पार्टी प्रमुख हनुमान बेनीवाल भी दोनो दलों की लंका में आग लगाने के लिए कमर कस चुके है. चुनाव से पहले हनुमान बेनीवाल राजस्थान में सत्ता संकल्प यात्रा निकाल रहे है. इससे पहले भाजपा जन आक्रोश और परिवर्तन यात्रा निकाल चुकी है. राजस्थान की राजनीति में रालोपा महत्वपूर्ण स्थान रखती है. देखने वाली बात यह होगी कि मोदी की मार्केटिंग स्किल काम आती है या फिर गहलोत का मैनेजमैंट. क्योंकि मोदी अगर मार्केटिग के गुरु है तो अशोक गहलोत मैनेजमेंट के.
ये दल भी चुनावी मैदान में
राजस्थान के रण में अन्य कई दल ऐसे है जो भाजपा और कांग्रेस का गेम बिगाड़ सकते है AIMIM के चीफ भी मेवात इलाके में अपनी उम्मीदवार खड़ा कर सकते है इधर कांग्रेस के पूर्व राज्य मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कुछ समय पहले ही शिवसेना का हाथ थाम लिया. साल 2023 के राजस्थान विधानसभा चुनावो में आप पार्टी भी पूरी तैयारी के साथ उतर रही है. राज्सथान में आप पार्टी ने चुनावों की कमान प्रदेश प्रभारी विनय मिश्रा के हाथो में दी है. आप पार्टी पहले ही पंजाब में दोनो दलों को साफ कर चुकी है वहीं राजधानी दिल्ली में भी आप पार्टी ने दोनो दलो की नाक में नकेल कस रखी है
राजस्थान में यह चुनावी दल आजमाएंगे किस्मत
- राजस्थान में यह चुनावी दल आजमाएंगे किस्मत
- भाजपा (भारतीय जनता पार्टी)
- कांग्रेस (इडिंयन नेशनल कांग्रेस)
- आप (आम आदमी पार्टी )
- AIMIM ( ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन )
- बसपा (बहुजन समाज पार्टी)
- RLP (राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी)