Sunday, November 17, 2024
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Rajasthan Election : मुख्यमंत्री गहलोत बोले- प्रदेश में धर्म का कार्ड चला तो ठीक, नहीं तो हम सत्ता में वापसी कर रहे हैं, एग्जिट पोल-सर्वे को किया खारिज

जयपुर। राजस्थान के विधानसभा चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर को मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना के साथ आएंगे। इससे पहले फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस की सरकार बनने का दावा किया। हालांकि उन्होंने कहा ये भी कहा कि चुनाव में भाजपा ने धर्म की आड़ में डरावनी और तनाव भरी बातें की हैं। यदि भाजपा का धर्म का कार्ड चल गया तो अलग बात है। अगर धर्म का कार्ड नहीं चला तो हम सरकार बनाएंगे। गहलोत ने कहा, एग्जिट पोल और सर्वे पर न जाएं। राजस्थान में फिर से कांग्रेस की सरकार बनेगी। भाजपा के नेता लोगों के सामने डरावनी और बदले की भावना से भरी भाषा बोल रहे थे। पीएम मोदी, अमित शाह और योगी आदित्यनाथ ने धर्म के नाम पर एकीकरण और ध्रुवीकरण करने की कोशिश की। 

गहलोत ने राजस्थान में कांग्रेस की जीत के गिनाए 3 कारण

गहलोत ने कहा, एग्जिट पोल चाहे कुछ भी कहें, राजस्थान में कांग्रेस सरकार बनाएगी। 5 राज्यों में से किसी में भी भाजपा नहीं जीत रही। राजस्थान में जनता हमारी सरकार दोहराएगी और इसके 3 कारण हैं। पहला कारण यह है कि सरकार के खिलाफ कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं है, ऐसा विशेषज्ञ भी कह रहे हैं। दूसरे हैं सीएम। भाजपा के वोटर भी यही कहेंगे कि सीएम ने विकास कार्य करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। तीसरी है प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, भाजपा मुख्यमंत्रियों और केंद्रीय मंत्रियों द्वारा बोली जाने वाली भाषा। वह भाषा किसी को पसंद नहीं आई। 

200 सीटों वाले राजस्थान में 25 नवंबर को मतदान हुआ था. हालांकि, एक सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार के निधन के चलते 199 सीटों पर ही वोट डाले गए। चुनाव आयोग के मुताबिक राज्य में कुल 74.96 प्रतिशत वोटिंग हुई है. जबकि 0.83 प्रतिशत वोटिंग डाक मतपत्र और घरेलू मतदान के जरिए हुई। 2018 के चुनाव में राजस्थान में 74.06 प्रतिशत मतदान हुआ था। यानी इस बार चुनाव में 0.9 प्रतिशत मतदान ज्यादा हुआ है।

राजस्थान में हर 5 साल में सरकार बदलने का ट्रेंड

राजस्थान में पिछले 30 साल से हर बार सरकार बदलने का ट्रेंड रहा है। यहां 1993 में भाजपा ने जीत हासिल की थी। इसके बाद 1998 में हुए चुनाव में जनता ने कांग्रेस पर अपना भरोसा जिताया।  5 साल बाद जनता यानी 2003 में जनता ने फिर भाजपा को जीत दिलाई। इसके बाद 2008 में कांग्रेस, 2013 में भाजपा, 2018 में कांग्रेस को जीत मिली। अब देखना है कि इस बार भी राजस्थान में तीस सालों से चला आ रहा ट्रेंड बरकरार रहेगा या बदलेगा?

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