जयपुर, राजस्थान में महिलाओं के उत्पीड़न के मामलों को लेकर गुरुवार को विधानसभा में काफी हंगामा हुआ.सरकार ने जहां कहा कि उसके 6 महीने के कार्यकाल में महिला उत्पीड़न के मामलों में 6 प्रतिशत की कमी आई है तो वहीं उनके जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों ने हंगामा व नारेबाजी की.
”महिला उत्पीड़न के मामलों में आई 6 प्रतिशत की कमी”
प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायक इंदिरा मीणा के एक प्रश्न के जवाब में प्रभारी मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने बताया कि राज्य में एक जनवरी 2024 से 30 जून 2024 तक महिला उत्पीड़न के 20767 प्रकरण दर्ज हुए हैं.उन्होंने कहा कि गत कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के 6 महीनों से तुलना की जाए तो ऐसे मामलों में 6 प्रतिशत की कम आयी है.मंत्री ने कहा,”2022 से 2024 तक जनसंख्या तो बढ़ी है लेकिन ऐसे मामले इस दौरान 6 प्रतिशत कम हुए हैं. महिला उत्पीड़न के मामलों में छह प्रतिशत कमी आई है.”
सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की दी जानकारी
महिला उत्पीड़न की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा,”7400 स्थान चिन्हित किए हैं जहां महिलाओं का आवागमन ज्यादा होता है और 20615 नए सीसीटीवी कैमरे के लिए ऑर्डर किए गए हैं.”विपक्ष ने मंत्री द्वारा मामलों की तुलना को गलत बताते हुए हंगामा शुरू कर दिया.विधायक इंदिरा ने डिंपल मीणा प्रकरण को भी उठाया.
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कही ये बात
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि मंत्री सदन को गुमराह न करें क्योंकि अप्रैल 2024 में 2861 मामले दर्ज हुए जबकि मई में 4088 मामले दर्ज हुए.उन्होंने कहा,”एक महीने में 43 प्रतिशत के आसपास की वृद्धि हुई है.आप 6 प्रतिशत की कमी कहां से बता रहे हैं?”
सत्ता पक्ष और विपक्ष में जमकर हुई बहस
मंत्री के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस विधायक सीटों से उठकर नारेबाजी करने लगे और अध्यक्ष के आसन के सामने आ गए.इसको लेकर सत्ता पक्ष व विपक्ष में काफी देर तक बहस होती रही.हालांकि विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने अगला प्रश्न पुकार लिया.राज्य विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है.