बुधवार 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस हैं. इस दिन कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी आदिवासियों के तीर्थ कहे जाने वाले बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम आएंगे. यहां पर राहुल गांधी एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे. राहुल गांधी की सभा को सफल बनाने के लिए राजस्थान कांग्रेस ने तैयारियां शुरु कर दी है. राजस्थान कांग्रेस के चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा सहित कई नेताओं रैली स्थल पर तैयारियों का जायजा लेने सोमवार को मानगढ़ धाम पहुंचे. तैयारियों का जायजा लेने के बाद डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस का आदिवासियों के साथ गहरा लगाव रहा है.
पीसीसी चीफ गोविंद सिंह ने इससे पहले उदयपुर में मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि उनकी समस्या व्यवस्थाओं को लेकर हैं. मानगढ़ धाम में कांग्रेस की सभा अब तक की सबसे बड़ी होगी. मानगढ़ धाम पहाड़ी क्षेत्र पर है, लोगों के आने में चिंता नहीं है, इतने लोग आएंगे, लाइनें लगेगी, उनकी व्यवस्था कैसे हो इसकी चिंता है. वे बोले लोग तो स्वयं ही मानगढ़ धाम पर आएंगे. डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस का आदिवासियों के साथ गहरा लगाव रहा है. पीसीसी चीफ गोविंद सिहं ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा की केन्द्र में सरकार ने 9 साल में आदिवासियों के लिए कुछ नहीं किया जबकि कांग्रेस ने सरकार में रहते हुए बहुत कुछ किया. जब पीएम मोदी मानगढ़ धाम आए थे तब आशा थी कि वह मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय तीर्थ घोषित करेंगे लेकिन उन्हेांने आदिवासियों को निराश ही किया. डोटासर ने कहा कि भाजपा चाहती है हमारे पिच पर खेले, जबकि हम चाहते है हम विकास के पिच पर खेलेंगे. हमारी सरकार ने राजस्थान में जो काम किए उस पर खेलेंगे. कोरोना के बेहतर मैनेजमेंट पर खेलेंगे. भाजपा की तरफ इशारा करते हुए कहा कि इनके चक्कर में पहले कोई आ गया होगा, अब हम नहीं आने वाले है। हमारी सरकार की योजनाएं, हमारा काम ही तो बोलेगा।
क्यों मानगढ़ धाम है भाजपा और कांग्रेस के लिए अहम
मानगढ़ धाम भाजपा और कांग्रेस दोनो पार्टी के लिए महत्वपूर्ण है आदिवासियों की धाम मानगढ़ धाम तीन राज्यों को प्रभावित करता है जिसमें गुजरात 27, राजस्थान 25 और मध्यप्रदेश की 48 विधानसभा सीटें सीधे तौर पर प्रभावित होती हैं. ये सभी सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. इन 3 राज्यों की करीब 35-40 लोकसभा सीटों पर भी आदिवासी समुदाय का असर माना जाता है. मध्य प्रदेश और राजस्थान को लेकर भी राहुल गांधी की यह सभा अहम मानी जा रही है. बात की जाए राजस्थान के 2018 विधानसभा चुनावों की तो भाजपा को इन आदिवासी क्षेत्रों में बांसवाड़ा की 5 सीटों में से 2 पर, डूंगरपुर की 4 में से 1 ही सीट पर संतुष्ट होना पड़ा. वहीं प्रतापगढ़ में 2 में से एक भी सीट बीजेपी के पास नहीं है. लेकिन कांग्रेस के लिए उदयपुर, चित्तौड़गढ़, पाली, सिरोही में चिंता की स्थिति बनी हुई है क्योकि यहां पर बीजेपी की स्थिति ठीक है.
सीएम अशोक गहलोत लगातार मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करवाने के लिए केंद्र सरकार से आग्रह कर रहे हैं. पिछले दिनों पीएम मोदी ने यहा पर अपनी रैली की थी. उस रैली के दौरान क्षेत्रवासियों को उम्मीद थी कि पीएम आदिवासियों के धाम मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित करेगें. लेकिन पीएम मोदी ने इससे संबधित किसी भी तरह की घोषणा नहीं की. ऐसे में केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए सीएम गहलोत ने कहा था कि राज्य सरकार राज्य निधि से मानगढ़ धाम में विकास कार्य करवाएगी. इसके साथ ही सीएम अशोक गहलोत ने विकास कोष की राशि 100 करोड़ से बढ़ाकर 500 करोड़ रुपए कर दी थी.
BTP बिगाड़ेगी भाजपा-कांग्रेस का गणित
वही आदिवासियों की पार्टी कही जाने वाली BTP (भारतीय ट्राइबल पार्टी ) आने वाले चुनावों में भाजपा औऱ कांग्रेस का गणित बिगाड़ सकती है . कुछ समय पहले अफवाहें थी कि बीटीपी में दरार आ गई है. लेकिन बीटीपी प्रदेशध्यक्ष डॉ वेलाराम घोघरा ने इन सब अफवाहों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि वह सभी साथ हैं. साथ ही आदिवासी समाज तो सभी के साथ है ही. इसलिए इस बार हम विधानसभा चुनाव में जनजातीय की 17 सीटों पर हमारे उम्मीदवार उतरेंगे जिसमें उदयपुर संभाग की 28 में से 17 जनजाति क्षेत्र की सीटें शामिल हैं. साथ ही बीटीपी ने महागठबंधन की भी तैयारी कर ली है. उन्होनें कहा कि हमारी विचारधारा वाले संगठनों के साथ राजस्थान में भी उम्मीदवार उतारे जाएंगे. फिलहाल बीटीपी की राजस्थान डेमोक्रेटिक फ्रंट, अंबेडकर पार्टी ऑफ इंडिया, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया सहित दो पार्टियों से बातचीत है. ऐसे में अगर इन पार्टियों के साथ बात बनती है तो बीटीपी महागठबंधन के साथ विधानसभा चुनाव में उतरेंगी.