नई दिल्ली, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सदन में दिए अपने भाषण के कुछ हिस्सों को कार्यवाही से निकाले जाने पर मंगलवार को अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर कहा कि यह चुनिंदा ढंग से की गई कार्रवाई है जो तर्कसंगत नहीं है. उन्होंने बिरला से आग्रह किया कि उनके भाषण से हटाए गए अंश को फिर से कार्यवाही के रिकॉर्ड में शामिल किया जाए.
‘हिंदू कभी हिंसा नहीं कर सकता’
राहुल गांधी ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर देश में सांप्रदायिक आधार पर विभाजन पैदा करने का आरोप लगाया था जिस पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने जोरदार तरीके से विरोध जताया था.प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना बहुत गंभीर विषय है.राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर विपक्ष की ओर से चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा था कि हिंदू कभी हिंसा नहीं कर सकता, कभी नफरत और डर नहीं फैला सकता.उनके भाषण के कुछ अंश आसन के निर्देशानुसार सदन की कार्यवाही से हटा दिए गए.
राहुल गांधी ने पत्र में क्या लिखा ?
बिरला को लिखे अपने पत्र में राहुल गांधी ने कहा कि सभापति को सदन की कार्यवाही से कुछ टिप्पणियों को हटाने की शक्तियां प्राप्त हैं, लेकिन यह केवल उन शब्दों के लिए है, जिनकी प्रकृति प्रक्रिया और आचरण के नियमों के नियम 380 में निर्दिष्ट की गई है.उन्होंने कहा,”मैं यह देखकर स्तब्ध हूं कि किस तरह से मेरे भाषण के काफी हिस्से को कार्यवाही से हटा दिया गया है.”
”हटाए गए हिस्से नियम 380 के दायरे में नहीं आते”
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा,”मैं यह कहने के लिए बाध्य हूं कि हटाए गए हिस्से नियम 380 के दायरे में नहीं आते हैं.मैंने सदन में जो कहना चाहा वह जमीनी हकीकत और तथ्यात्मक स्थिति है.सदन का प्रत्येक सदस्य जो लोगों की सामूहिक आवाज का प्रतिनिधित्व करता है, उसे भारत के संविधान के अनुच्छेद 105(1) में निहित अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हासिल है.उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोगों की चिंताओं को सदन में उठाना प्रत्येक सदस्य का अधिकार है.’
राहुल गांधी का कहना था,”देश के लोगों के प्रति अपने दायित्वों का पालन करते हुए मैं कल इस अधिकार का उपयोग कर रहा था.उन्होंने बिरला को लिखे अपने पत्र में कहा,”मेरी सुविचारित टिप्पणियों को रिकॉर्ड से हटाना संसदीय लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ है.”
अनुराग ठाकुर के भाषण पर किया ध्यान आकर्षित
राहुल गांधी ने कहा,”इस संदर्भ में मैं अनुराग ठाकुर (भाजपा सांसद) के भाषण पर भी ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं, जिनका भाषण आरोपों से भरा था.हालांकि, हैरानी की बात ये है कि उनके भाषण से केवल एक शब्द को हटाया गया है.उन्होंने कहा,”मैं अनुरोध करता हूं कि कार्यवाही से निकाली गई टिप्पणियों को फिर से शामिल किया जाए.”
सच्चाई तो सच्चाई होती है : राहुल गांधी
इससे पहले कांग्रेस नेता ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं कहा,”मोदी जी की दुनिया में सच्चाई एक्सपंज हो सकती है, लेकिन वास्तविकता में सच्चाई एक्सपंज नहीं हो सकती.जो मुझे कहना था, मैंने कह दिया.वह सच्चाई है.जितना एक्सपंज करना है करें, सच्चाई तो सच्चाई होती है.”