Tuesday, August 19, 2025
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Rahul Gandhi ने ‘वोट चोरी’ को लेकर बोला चुनाव आयोग पर हमला, कहा- जब हमारी सरकार आयेगी तो कड़ी कार्रवाई होगी

विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ने चेतावनी दी है कि सत्ता में आने पर वे मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार और दोनों चुनाव आयुक्तों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। हालांकि, कानून के तहत CEC और EC को उनके आधिकारिक कार्यों के लिए कानूनी संरक्षण प्राप्त है। उन्हें केवल संसद द्वारा न्यायाधीशों की तरह महाभियोग प्रक्रिया के तहत ही हटाया जा सकता है।

Rahul Gandhi News : नई दिल्ली। विपक्षी दलों ने धमकी दी है कि यदि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ सत्ता में आया तो वे मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार के खिलाफ महाभियोग चलाएंगे और दोनों चुनाव आयुक्तों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। एक नजर कानून व उस प्रक्रिया पर डालते हैं कि उन्हें कैसे हटाया जा सकता है और क्या पद पर रहते हुए उनके द्वारा लिए गए निर्णयों के लिए उनके खिलाफ अदालती कार्यवाही की जा सकती है।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्त (नियुक्ति, सेवा शर्तें और पदावधि) अधिनियम, 2023 की धारा 16 मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों को पद पर रहते हुए लिए गए निर्णयों के लिए किसी भी कानूनी कार्रवाई से छूट प्रदान करती है। इसके मुताबिक, कोई भी न्यायालय अब ऐसे किसी भी व्यक्ति के विरुद्ध कोई दीवानी या फौजदारी कार्रवाई स्वीकार नहीं करेगा और न ही उसे आगे बढ़ाएगा, जो वर्तमान या पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) या निर्वाचन आयुक्त (ईसी) रहा हो, यदि वह कार्रवाई उसके द्वारा अपने आधिकारिक कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान किए गए किसी कार्य, कथन या निर्णय से संबंधित हो।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने धमकी दी है कि जब विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ सत्ता में आएगा तो बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के जरिए “वोट चोरी” के आरोपों को लेकर कुमार और दोनों निर्वाचन आयुक्तों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। गांधी की यह धमकी ऐसे समय में आई है जब हाल में मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने उन्हें वोट चोरी के अपने दावे के समर्थन में हस्ताक्षरित हलफनामा प्रस्तुत करने के लिए सात दिन का अल्टीमेटम दिया था और कहा था कि अन्यथा उनके आरोपों को अमान्य माना जाएगा।

अधिनियम की धारा 11(1) के अनुसार, मुख्य निर्वाचन आयुक्त या निर्वाचन आयुक्त किसी भी समय राष्ट्रपति को संबोधित अपने हस्ताक्षर सहित लिखित पत्र द्वारा अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। धारा 11(2) में कहा गया है कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त को उनके पद से तब तक नहीं हटाया जा सकता, जब तक कि उन्हें हटाने की प्रक्रिया और आधार वही न हों, जो उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश को हटाने के लिए निर्धारित हैं। उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को केवल संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित प्रस्ताव के माध्यम से ही हटाया जा सकता है। राज्यसभा के 50 सदस्यों या लोकसभा के 100 सदस्यों द्वारा समर्थित प्रस्ताव को संसद में प्रस्तुत किया जाना चाहिए तथा सदन द्वारा उपस्थित सदस्यों के दो-तिहाई बहुमत से पारित किया जाना चाहिए। कानून कहता है कि अन्य निर्वाचन आयुक्तों को मुख्य निर्वाचन आयुक्त की सिफारिश के अलावा पद से नहीं हटाया जा सकता।

Mukesh Kumar
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