IPS Y Puran kumar Suicide Case: कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने IPS ऑफिसर वाई पूरन कुमार की आत्महत्या को लेकर हरियाणा सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने इस घटना को देश पर एक धब्बा करार देते हुए मंगलवार को कहा कि यह घटना इस बात का सबूत है कि बीजेपी सरकार में न तो दलित सुरक्षित हैं और न ही उनके लिए न्याय है. कांग्रेस महासचिव ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में दावा किया कि कुमार ने जाति-आधारित उत्पीड़न के कारण आत्महत्या की. उनका परिवार न्याय की तलाश में भटक रहा है, लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा है.’
ऐसी शर्मनाक घटनाएं देश और समाज पर कलंक : प्रियंका
प्रियंका गांधी सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा- ‘यह पूरी घटना इस बात का प्रमाण है कि भाजपा राज में ऊंचे पदों पर पहुंचने के बाद भी दलित समाज के लोग सुरक्षित नहीं हैं और न ही उनके लिए कोई न्याय है. ऐसी शर्मनाक घटनाएं देश और समाज पर कलंक हैं. उन्होंने कहा, ‘विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने चंडीगढ़ में वाई. पूरन कुमार के परिवार से मुलाकात की, उनका दुख साझा किया और इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की.’
हरियाणा के वरिष्ठ IPS अधिकारी श्री वाई पूरन कुमार जी ने हाल ही में जातिगत उत्पीड़न से तंग आकर आत्महत्या कर ली थी। उनका परिवार न्याय के लिए भटक रहा है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) October 14, 2025
यह पूरा प्रकरण इस बात का सबूत है कि भाजपा राज में ऊंचे पदों पर पहुंचकर भी दलित समाज के लोग… pic.twitter.com/0E2xS9VZC2
राहुल ने पीएम और सीएम से की तुरंत कार्रवाई की मांग
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वाई पूरन कुमार के परिवार से मुलाकात की और कहा कि उनकी मौत किसी एक परिवार के सम्मान का सवाल नहीं, बल्कि सभी दलितों के सम्मान का सवाल है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से भी इस मामले में तुरंत कार्रवाई करने का आग्रह किया. परिवार से मिलने के बाद पत्रकारों से बातचीत में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पूरन कुमार का मनोबल गिराने और उनके करियर को नुकसान पहुंचाने के लिए उनके साथ सुनियोजित भेदभाव किया जा रहा था.
वाई पूरन ने शीर्ष अधिकारियों पर लगाए थे प्रताड़ना के आरोप
गौरतलब है कि भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के 2001 बैच के अधिकारी कुमार ने 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित अपने आवास पर कथित तौर पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी. उन्होंने आठ पन्नों का ‘अंतिम नोट’ छोड़ा था, जिसमें हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर और रोहतक के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक (एसपी) नरेंद्र बिजारणिया सहित 8 वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों पर ‘जातिगत भेदभाव, निशाना बनाकर मानसिक उत्पीड़न, सार्वजनिक अपमान तथा अत्याचार’ का आरोप लगाया गया है.
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