लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती के मौके पर लखनऊ में हरदोई रोड पर गोमती नदी के तट पर राष्ट्र प्रेरणा स्थल को देश को समर्पित किया। इसके अलावा उन्होंने पंडित श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण कर पुष्पांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र प्रेरणा स्थल का उल्लेख करते हुए कहा कि जिस जमीन पर यह प्रेरणा स्थल बना है, उसकी तीस एकड़ से ज्यादा जमीन पर कचरे का पहाड़ था और पिछले तीन वर्ष में इसे पूरी तरह खत्म किया गया।
हमारा हर कदम राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित हो : मोदी
मोदी ने इससे जुड़े योजनाकारों, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार को बधाई दी और कहा कि “यह राष्ट्र प्रेरणा स्थल हमें संदेश देता है कि हमारा हर कदम राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित हो।” इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक और उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष व केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी भी मौजूद रहे। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि राष्ट्र प्रेरणा स्थल में वाजपेयी के साथ ही मुखर्जी और उपाध्याय की कांस्यर की भव्य प्रतिमाएं भी लगाई गई हैं।
#WATCH प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "आज लखनऊ की ये भूमि एक नई प्रेरणा की साक्षी बन रही है। इससे पहले मैं देश और दुनिया को क्रिसमस की शुमकामनाएं देता हूं… 25 दिसंबर का ये दिन देश की दो महान विभूतियों के जन्म का अद्भुत संयोग लेकर आता है। भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी और भारत… https://t.co/NdZtlGrHRi pic.twitter.com/W3kE0yVb5Q
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 25, 2025
बयान में कहा गया है कि इसके साथ ही एक अत्याधुनिक संग्रहालय भी बनाया गया है, जहां राष्ट्र निर्माण में इन दूरदर्शी नेताओं के अमूल्य योगदान के बारे में जानने का अवसर मिलेगा। बयान के अनुसार लगभग 230 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित और 65 एकड़ के विशाल क्षेत्र में फैला यह परिसर, नेतृत्व मूल्यों, राष्ट्रीय सेवा, सांस्कृतिक चेतना और जन प्रेरणा को बढ़ावा देने के लिए समर्पित एक स्थायी राष्ट्रीय धरोहर के रूप में परिकल्पित है।
बयान में कहा गया है कि इस परिसर में मुखर्जी, उपाध्याय और वाजपेयी की 65 फुट ऊंची कांस्य प्रतिमाएं हैं, जो भारत के राजनीतिक चिंतन, राष्ट्र निर्माण और सार्वजनिक जीवन में उनके महत्वपूर्ण योगदान का प्रतीक हैं। बयान के अनुसार इसमें कमल के आकार की संरचना में निर्मित एक अत्याधुनिक संग्रहालय भी है, जो लगभग 98,000 वर्ग फुट में फैला हुआ है। इसके पहले, प्रधानमंत्री वरिष्ठ नेताओं के साथ प्रेरणा स्थल के अंदर बने म्यूजियम पहुंचे। मोदी ने वाजपेयी, मुखर्जी और उपाध्याय के जीवन और योगदान को समर्पित ‘डिस्प्ले’ का अवलोकन भी किया।




