नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय जलवायु परिवर्तन, साइबर सुरक्षा, चरमपंथ और आंतकवाद से मुकाबला जैसी वैश्विक चुनौतियों के समाधान के लिए भारत की ओर देख रहा है।
भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस के 2022 बैच) के परिवीक्षाधीन अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की भूमिका और प्रभाव वैश्विक विकास और वैश्विक शासन की सशक्त आवाज के रूप में तेजी से बढ़ रहा है। राष्ट्रपति ने कहा भारत के बढ़ते कद का अभिप्राय है कि अब न केवल आपको अपने पारंपरिक कर्तव्यों का निर्वहन करना है बल्कि आपके कंधों पर हमारे राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक हितों की सेवा करने की भी जिम्मेदारी है।
राष्ट्रपति ने कहा कि यह नई प्रौद्योगिकी में साझेदारी, भारतीय सामान और सेवा के लिए नए बाजार सुरक्षित करने, मानवीय सहायता या भारतीय समुदाय को मदद के रूप में हो सकता है। अधिकारियों को बहुआयामी और परिस्थितियों के अनुकूल ढलने वाला होना चाहिए, उसके पास सूचनाएं होनी चाहिए और विभिन्न भूमिकाओं को निभाने के तौर तरीके सीखने चाहिए। इसके साथ ही राष्ट्रपति ने कहा आज, अंतरराष्ट्रीय समुदाय जटिल वैश्विक समस्याओं के समाधान के लिए भारत की ओर देख रहा है, फिर चाहे वह सतत विकास हो, जलवायु परिवर्तन, साइबर सुरक्षा, आपदा से निपटना हो या चरमपंथ एवं आतंकवाद से निपटना। आप जैसे युवा कूटनीतिज्ञों के लिए यह नई चुनौतियों के साथ अभूतपूर्व अवसर प्रदान करता है। मुर्मू ने सुझाव दिया कि उनकी सभी कोशिशों एवं गतिविधियों का एकमात्र उद्देश्य हमारे अपने देश की प्रगति और विकास होना चाहिए।