Gaganyaan Mission: केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को कहा कि गगनयान को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी लगभग हो चुकी है और इसकी आखिरी परीक्षण उड़ान के तहत इस वर्ष के अंत में महिला रोबोट ‘व्योममित्र’ अंतरिक्ष में जाएगी. केंद्रीय मंत्री सिंह ने लोकसभा में अंतरिक्ष संबंधी पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए यह भी कहा कि भारत के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान मिशन गगनयान के लिए चुने गए 4 अंतरिक्ष यात्रियों को सार्वजनिक चमक-दमक से दूर रखा गया था ताकि किसी तरह ध्यान नहीं भटके क्योंकि वे कुछ प्रशिक्षण कार्यक्रमों से गुजर रहे थे.
”गगनयान को भेजने की तैयारी लगभग हो चुकी है”
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, ”गगनयान को भेजने की तैयारी लगभग हो चुकी है. आखिरी परीक्षण उड़ान, जो एक प्रकार का ‘ड्रेस रिहर्सल’ होगा, के तहत महिला रोबोट ‘व्योममित्र’ इस साल के आखिर में अंतरिक्ष में जाएगी और सुरक्षित तरीके से लौटैगी. सारी प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद गगनयान अंतरिक्ष में जाएगा.”
#BudgetSession2025#WATCH | केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने #लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान #चंद्रयान-4 मिशन के संबंध में सदस्यों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर दिया।#QuestionHour #LokSabhapic.twitter.com/kFzXelCMJ7
— आकाशवाणी समाचार (@AIRNewsHindi) March 19, 2025
सुनीता विलियम्स की पृथ्वी पर वापसी का किया जिक्र
जितेंद्र सिंह ने शिवसेना के धैर्यशील माने के पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि आज सुखद संयोग है कि प्रश्नकाल का पहला प्रश्न अंतरिक्ष से संबंधित है और आज तड़के ही अंतरिक्षयात्री सुनीता विलियम्स धरती पर लौटी हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सुनीता विलियम्स के लिए लिखे गए पत्र का उल्लेख किया और बताया कि ‘‘हमारी तरफ से भी सुबह 4 बजे सोशल मीडिया के माध्यम से गौरव और राहत की अनुभूति वाला संदेश उनके लिए चला गया है.”मंत्री जब यह बता रहे थे, उसी दौरान प्रधानमंत्री मोदी सदन में पहुंचे.
शुभांशु शुक्ला जाएंगे ISS
सिंह ने गगनयान के अंतरिक्ष यात्रियों को जनता की नजरों से दूर रखे जाने के कांग्रेस की आर सुधा के पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा, ”यह विचार था कि मीडिया और जनता के बीच अधिक प्रचार होने से ध्यान भटक सकता है जो सभी के हित में नहीं होगा. मिशन के लिए ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालाकृष्णन नायर, अंगद प्रताप, अजीत कृष्णन और शुभांशु शुक्ला का चयन किया गया है. इन चारों अंतरिक्ष यात्रियों में से शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा में अन्य देशों के अंतरिक्ष यात्रियों के साथ जाएंगे. इनमें एक विंग कमांडर शुक्ला हैं जो अब ग्रुप कैप्टन शुक्ला हैं. इसलिए उनका नाम थोड़ा व्यापक रूप से पहचाना गया.”
2027 में लॉन्च होगा चंद्रयान-4 मिशन
जितेंद्र सिंह ने चंद्रयान-4 के संदर्भ में बताया कि यह मूलत: चंद्रमा से नमूने लाने के लिए है, लेकिन वो उन सभी प्रक्रियाओं को अंजाम देगा जो आने वाले मिशन के लिए अनिवार्य रहेंगी. उन्होंने कहा कि चंद्रयान से आगे के सभी मिशन के लिए अनुभव मिलेगा और इसमें ‘डॉकिंग’ तथा ‘अनडॉकिंग’ के अनुभव भी मिलेंगे. उन्होंने कहा कि 2027 में चंद्रयान-4, 2028 में शुक्र ग्रह पर अंतरिक्ष यान भेजने के लिए ‘वीनस मिशन’ भेजा जाएगा, 2035 में भारत अंतरिक्ष स्टेशन खोला जाएगा और 2040 में भारतीय मूल का व्यक्ति चांद की धरती पर उतरेगा.
तमिलनाडु के तुतिकोरिन में बन रहा चौथा लॉन्च पैड
सिंह ने यह भी बताया कि देश का चौथा अंतरिक्ष लॉन्च पैड तमिलनाडु के तुतिकोरिन में बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा, ”1979 में इसरो की स्थापना के कई वर्ष बाद देश का पहला लांच पैड बनाया गया था. इसके 10 वर्ष बाद दूसरा लांच पैड श्रीहरिकोटा में तैयार किया गया. सरकार ने श्रीहरिकोटा में तीसरा लांचपैड बनाना शुरू कर दिया है और चौथा लांच पैड तमिलनाडु के तुतिकोरिन में बनाने की शुरुआत हो गई है.”