Monday, July 7, 2025
HomePush NotificationBMC Election 2025: मराठी प्रेम को लेकर सरनाईक का बड़ा बयान, बीएमसी...

BMC Election 2025: मराठी प्रेम को लेकर सरनाईक का बड़ा बयान, बीएमसी की कुर्सी के लिए साथ आए शिवसेना (उबाठा) और मनसे

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और मनसे के गठबंधन को लेकर सरनाईक ने कहा कि यह मराठी हित के लिए नहीं, बल्कि मुंबई नगर निकाय की सत्ता पाने के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि जनता समझदार है और इसकी सच्चाई को समझती है। जो लोग मराठी सीखना चाहते हैं, उनके लिए शिवसेना की शाखाओं में मराठी भाषा सिखाई जाएगी। उन्होंने मराठी मानुष को न्याय दिलाने और मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिलाने की दिशा में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के प्रयासों की सराहना की।

BMC Election 2025: शिवसेना विधायक एवं महाराष्ट्र के मंत्री प्रताप सरनाईक ने कहा कि जनता समझदार है और वह जानती है कि शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) मराठी हित के लिए नहीं, बल्कि मुंबई नगर निकाय में सत्ता हासिल करने के लिए साथ आए हैं।

जो लोग मराठी सीखना चाहते हैं, उन्हें भाषा सिखाई जाएगी : सरनाईक

सरनाईक ने रविवार को यह भी कहा कि जो लोग मराठी सीखना चाहते हैं, उन्हें शिवसेना की शाखाओं में यह भाषा सिखाई जाएगी। उन्होंने मराठी मानुष को न्याय दिलाने और केंद्र के साथ मिलकर मराठी भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिलाने के लिए उपमुख्यमंत्री एवं शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे को श्रेय दिया।

शिंदे को लिखे पत्र में सरनाईक ने रविवार को कहा कि शिवसेना (अविभाजित) का 25 साल तक बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) की सत्ता पर कब्जा रहा। उन्होंने कहा कि इस अवधि के दौरान मराठी मानुष को होटल उद्योग, रियल एस्टेट और सोने-चांदी के आभूषणों के कारोबार से बाहर कर दिया गया गया तथा मराठी भाषा पर राजनीति करने वालों ने कभी आम मराठी लोगों के बारे में नहीं सोचा।

शिवसेना उबाठा और राज ठाकरे की मनसे) बीएमसी में सत्ता हासिल करने आए है: सरनाईक

सरनाईक ने कहा, जनता समझती है कि वे (शिवसेना उबाठा और राज ठाकरे की मनसे) बीएमसी में सत्ता हासिल करने आए हैं। उनकी (शिवसेना उबाठा) नजरें बीएमसी के खजाने पर है। शिवसेना (उबाठा) की राजनीति स्वार्थपूर्ण, झूठी और विश्वासघाती रही है। यही कारण है कि उनके सहयोगी पार्टी छोड़ रहे हैं।

उनकी यह टिप्पणी शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे के लगभग 20 वर्षों के बाद मुंबई में एक ‘‘विजय’’ रैली के दौरान फिर से एक होने के एक दिन बाद आई है। इस रैली में राज्य सरकार द्वारा प्राथमिक विद्यालयों में त्रिभाषा नीति के तहत जारी किए गए दो सरकारी प्रस्ताव (जीआर) को समाप्त करने का जश्न मनाया गया।

उन्होंने कहा, मनसे और शिवसेना (उबाठा) कहते रहते हैं कि वे मराठी के हित में साथ आए हैं। तो किसके हित में वे वर्षों पहले अलग हुए थे? उनमें मराठी, उसकी संस्कृति और भाषा, और मराठी मानुष के लिए कोई प्रेम नहीं है।

Mukesh Kumar
Mukesh Kumarhttps://jagoindiajago.news/
समाचार लेखन की दुनिया में एक ऐसा नाम जो सटीकता, निष्पक्षता और रचनात्मकता का सुंदर संयोजन प्रस्तुत करता है। हर विषय को गहराई से समझकर उसे आसान और प्रभावशाली अंदाज़ में पाठकों तक पहुँचाना मेरी खासियत है। चाहे वो ब्रेकिंग न्यूज़ हो, सामाजिक मुद्दों पर विश्लेषण या मानवीय कहानियाँ – मेरा उद्देश्य हर खबर को इस तरह पेश करना है कि वह सिर्फ जानकारी न बने बल्कि सोच को भी झकझोर दे। पत्रकारिता के प्रति यह जुनून ही मेरी लेखनी की ताकत है।
RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular