इनपुट: योगेन्द्र शर्मा/मनोज अवस्थी
जयपुर। राजधानी जयपुर में पुलिस कमिश्नरेट की व्यवस्था चाक-चौबंद होने के भले ही तमाम दावे किए जा रहे हों, लेकिन हकीकत में ऐसा कहीं नजर नहीं आया। पुलिस के राात्रि गश्त के दावों की हकीकत जानने के लिए जागो इंडिया जागो की टीम ने शहर के कई स्थानों पर नजर रखी।
लेकिन कहीं भी पुलिस की गाड़ी इधर से उधर जाती हुई नजर नहीं आई। यह हाल तो तब है, जब हाल ही आए नए कमिश्नर ने सभी थानों के इंचार्ज को रात्रि गश्त पर निकलने के आदेश दे रखे हैं। पूरे शहर की कानून व्यवस्था की कमान पुलिस के ही हाथ है। जब पुलिस ही हाथ पर हाथ धरे बैठी रहेगी तो जनता का ध्यान कौन रखेगा? यह बड़ा प्रश्न है। अब तो पुलिस को हाईटेक गाड़ियां भी मिल चुकी हैं। जिनमें लगे कैमरों से गतिविधियों पर नजर रख रिकॉर्ड की जा सकती हैं।
शहर से अपराध के ग्राफ में कमी करनी है तो पुलिस को कमर कसनी ही होगी। जागो इंडिया जागो का उद्देश्य यहां पुलिस की कमियां उजागर कर उन्हें आईना दिखाना है। ताकि आमजन में पुलिस के प्रति विश्वास और अधिक सुदृढ़ हो सके।
शहर के मानसरोवर, एसएफएस, जवाहर सर्किल, मालवीय नगर, इंदिरा गांधी नगर, आगरा रोड, ट्रांसपोर्ट नगर, जवाहर नगर समेत कई इलाकों में पुलिस की रात्रि गश्त व्यवस्था कहीं भी नजर नहीं आई। रात में अंधेरा भले ही हो, लेकिन शहर जागता हुआ मिला। कुछ अपने काम से लौट रहे थे तो कुछ नाइट आउट पर निकले थे। इन जागे हुए प्राणियों में ही आपराधिक प्रवृत्ति के लोग भी शामिल होते हैं। जिनसे ही हमें सतर्क रहना है और पुलिस को उन्हें पाबंद करना है। रास्ते में कुछ जगह पुलिस के बैरिकेड्स मिले, लेकिन वहां रोक-टोक नहीं थी। न ही वाहनों की जांच की जा रही थी।
रात 11:45 वीटी रोड, हूटिंग करते मिले बाइक सवार
रात 12 बजे स्थान जवाहर सर्किल, यहां सीढ़ियों पर व अंदर पार्क में लोग बैठे हुए मिले।
रात 12:05 बजे : एनडब्लूआर के सामने, लड़का-लड़की कॉलोनी के गेट के बाहर बाइक पर बैठे मिले। दोनों बातों में मशगूल। हमने नहीं टोका।
रात 12:08 बजे : नंदपुरी अंडरपास के पास शराब की दुकान पर 5 लोग बीयर खरीदते मिले। यहीं जवाहरसर्किल थाना भी है। मतलब साफ है।
रात 1:00 बजे : घाट की गूणी टनल, पुलिस की बैरिकेडिंग
रात 2:15 बजे मालवीय नगर के गार्डन में नवयुवक-नवयुवती बैंच पर बैठे हुए मिले। रिपोर्टर के टोकने पर हो गए रवाना।
जब इस मामले को लेकरम जयपुर पुलिस उपायुक्त कुंवर राष्ट्रदीप से बात की तो उन्होने बताया कि कोई भी व्यक्ति पार्क या सार्वजनिक स्थान पर बैठा दिखता है तो पुलिस पूछताछ करती है। संतुष्टिजनक जवाब नहीं मिलने पर उसे गिरफ्तार कर सकती है। गश्त के लिए हर थाने के पास एक चेतक है, सिग्मा है,जो इलाके में गश्त करती रहती है, सूचना पर चेतक को मौके पर पहुंचना पड़ता है। इसलिए वो एक जगह खड़ी नहीं रहती।