Monday, September 15, 2025
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16th Joint Commanders Conference : पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर के लिए सशस्त्र बलों को सराहा, कमांडर सम्मेलन का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोलकाता में 16वें संयुक्त कमांडर सम्मेलन का उद्घाटन किया और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की। उन्होंने ‘भारतीय सशस्त्र बल विजन 2047’ का अनावरण किया और रक्षा मंत्रालय से आत्मनिर्भरता, नवाचार और भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने को कहा। सम्मेलन में सेना का आधुनिकीकरण, संयुक्तता और बहु-क्षेत्रीय अभियानगत तैयारियों पर चर्चा की गई।

16th Joint Commanders Conference : कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की और रक्षा मंत्रालय से अनुरोध किया कि वह भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए अधिक आत्मनिर्भरता और नवाचार सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। विजय दुर्ग (पूर्व में फोर्ट विलियम) स्थित सेना के पूर्वी कमान मुख्यालय में 16वें संयुक्त कमांडर सम्मेलन (सीसीसी) का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने पिछले दो वर्षों में लागू किए गए सुधारों और अगले दो वर्षों की योजना की समीक्षा की।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ में सशस्त्र बलों ने दिखाया बेहतरीन पराक्रम : पीएम मोदी

मोदी ने ‘भारतीय सशस्त्र बल विजन 2047’ दस्तावेज का भी अनावरण किया। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि उन्हें ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद निर्मित ‘न्यू नॉर्मल’ के संदर्भ में बलों की परिचालन संबंधी तत्परता और उभरती हुई तकनीक और रणनीति के बीच भविष्य के युद्ध से अवगत कराया गया। इसमें कहा गया है, प्रधानमंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की। ऑपरेशन सिंदूर मई में पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद शुरू किया गया था, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी। रक्षा अधिकारी ने कहा कि इसे नियंत्रण रेखा के पार और पाकिस्तान के अंदर तक आतंकवादी बुनियादी ढांचे को ध्वस्त करने के लिए एक दंडात्मक और लक्षित अभियान के रूप में परिकल्पित किया गया था, जिसमें सटीकता, व्यावसायिकता और उद्देश्यपूर्णता को दर्शाती तीनों सेनाओं की एक सुनियोजित प्रतिक्रिया प्रदर्शित की गई थी।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने राष्ट्र निर्माण, समुद्री डकैती रोधी अभियान, संघर्ष के क्षेत्रों से भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी, मित्र देशों को मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) प्रदान करने में सशस्त्र बलों द्वारा निभाई गई एकीकृत भूमिका की प्रशंसा की। बयान में कहा गया है, 2025 को रक्षा क्षेत्र में ‘सुधारों का वर्ष’ बनाने के मद्देनजर, प्रधानमंत्री ने रक्षा मंत्रालय को भविष्य की चुनौतियों का सामना करने और किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए अधिक एकजुटता, आत्मनिर्भरता हासिल करने के साथ नवाचार सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदमों को तेजी से लागू करने का निर्देश दिया। सम्मेलन में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह और भारतीय सशस्त्र बलों के तीनों प्रमुखों ने भी भाग लिया।

रणनीतिक मुद्दों की एक विस्तृत शृंखला पर विचार-विमर्श किया जा रहा है : रक्षा मंत्रालय

रक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया है, रणनीतिक मुद्दों की एक विस्तृत शृंखला पर विचार-विमर्श किया जा रहा है, जिसमें सेना का आधुनिकीकरण, संयुक्तता, एकीकरण और बहु-क्षेत्रीय युद्ध के लिए परिचालन तत्परता को बढ़ाना शामिल है। यह द्विवार्षिक सम्मेलन सशस्त्र बलों का शीर्ष विचार-मंथन मंच है, जो देश के शीर्ष नागरिक और सैन्य नेतृत्व को वैचारिक और रणनीतिक स्तर पर विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए एक साथ लाता है। साथ ही इसमें विभिन्न रैंक के अधिकारियों के साथ संवाद सत्र भी होते हैं। इस वर्ष 16वां सम्मेलन आयोजित किया जा रहाहै जिसमें सुधारों, परिवर्तन, बदलाव और अभियानगत तैयारियों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसका विषय है ‘सुधारों का वर्ष – भविष्य के लिए परिवर्तन’।

रक्षा अधिकारी ने कहा, सम्मेलन का ध्यान संस्थागत सुधारों, गहन एकीकरण और तकनीकी आधुनिकीकरण के प्रति सशस्त्र बलों की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। साथ ही बहु-क्षेत्रीय अभियानगत तैयारियों के उच्च स्तर को बनाए रखना भी इसमें शामिल है। आखिरी संयुक्त कमांडर सम्मेलन 2023 में भोपाल में हुआ था जिसका उद्घाटन भी प्रधानमंत्री मोदी ने ही किया था। पिछले पांच महीनों में मोदी का यह चौथा और एक महीने के भीतर दूसरा बंगाल दौरा है। प्रधानमंत्री असम से रविवार शाम कोलकाता पहुंचे। वह राजभवन से सुबह करीब साढ़े नौ बजे विजय दुर्ग पहुंचे। उन्होंने राजभवन में रात्रि विश्राम किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में लगभग चार घंटे बिताए। वह दोपहर करीब डेढ़ बजे कार्यक्रम स्थल से निकले और कलकत्ता रेसकोर्स से हेलीकॉप्टर द्वारा एनएससी बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंचे, जहां से उन्होंने बिहार के पूर्णिया के लिए उड़ान भरी।

Mukesh Kumar
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