नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को 3 दिवसीय वैश्विक समुद्री भारत शिखर सम्मेलन (जीएमआईएस) के तीसरे संस्करण का वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से उद्घाटन करेंगे और भारतीय समुद्री अर्थव्यवस्था के लिए दीर्घकालिक रूपरेखा अमृत काल विजन 2047 पेश करेंगे।
इस शिखर सम्मेलन का आयोजन मुंबई में हो रहा है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि इस रूपरेखा में बंदरगाह सुविधाओं को बढ़ाने, सतत चलन को बढ़ावा देने और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से रणनीतिक पहल का खाका पेश किया जाएगा। इस भविष्योन्मुखी योजना के अनुरूप प्रधानमंत्री 23,000 करोड़ रुपये से अधिक की उन परियोजनाओं का उद्घाटन, राष्ट्र को समर्पित करेंगे और आधारशिला रखेंगे, जो भारतीय समुद्री अर्थव्यवस्था से संबंधित इस दृष्टिकोण से जुड़ी हैं।
मोदी गुजरात के दीनदयाल बंदरगाह प्राधिकरण में 4,500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनने वाले टूना टेकरा ऑल वेदर डीप ड्राफ्ट टर्मिनल की आधारशिला रखेंगे। इस अत्याधुनिक ग्रीनफील्ड टर्मिनल को सार्वजनिक-निजी भागीदारी के साथ विकसित किया जाएगा। इसके एक अंतरराष्ट्रीय व्यापार केंद्र के रूप में उभरने की संभावना है। कार्यक्रम के दौरान समुद्री क्षेत्र में वैश्विक और राष्ट्रीय साझेदारी के लिए 7 लाख करोड़ रुपये से अधिक के 300 से अधिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) को भी पेश किया जाएगा। बयान में कहा गया है कि शिखर सम्मेलन देश का सबसे बड़ा समुद्री कार्यक्रम होगा, जिसमें यूरोप, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और एशिया (मध्य एशिया, पश्चिम एशिया और बिम्सटेक क्षेत्र सहित) का प्रतिनिधित्व करने वाले दुनिया भर के मंत्री भाग लेंगे।
शिखर सम्मेलन में वैश्विक सीईओ, व्यापारिक नेता, निवेशक, अधिकारी और दुनिया भर के अन्य हितधारक भी भाग लेंगे। शिखर सम्मेलन का पहला संस्करण 2016 में मुंबई में आयोजित किया गया था जबकि दूसरा डिजिटल माध्यम से 2021 में आयोजित किया गया था।