Sunday, September 8, 2024
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Kargil Vijay Diwas 2024 : करगिल से पाकिस्तान को पीएम मोदी की चेतावनी,’नापाक मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे,मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा’,पढ़ें भाषण की बड़ी बातें

द्रास, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान ने इतिहास से कोई सबक नहीं सीखा है और उसने जब भी कोई दुस्साहस किया है, उसे हार का सामना करना पड़ा है.करगिल विजय दिवस के मौके पर द्रास में शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए मोदी ने कहा कि राष्ट्र सशस्त्र बलों के वीरतापूर्ण प्रयासों और बलिदानों का सम्मान करता है.

”दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा”

प्रधानमंत्री ने कहा,”करगिल में हमने न केवल युद्ध जीता, बल्कि सत्य, संयम और शक्ति का अद्भुत उदाहरण पेश किया.उन्होंने पाकिस्तान पर आतंकवाद और छद्म युद्ध के जरिये प्रासंगिक बने रहने की कोशिश करने का आरोप लगाया.मोदी ने कहा,”हमारे वीर जवान आतंकवाद को कुचल देंगे और दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा.”

”देश हमारी सेना के पराक्रमी महानायकों का सदा सर्वदा ऋणी है”

पीएम मोदी ने कहा, “आज लद्दाख की ये महान धरती करगिल विजय के 25 वर्ष पूरे होने की साक्षी बन रही है.करगिल विजय दिवस हमें बताता है कि राष्ट्र के लिए दिए गए बलिदान अमर होते हैं. दिन, महीने, वर्ष, सदियां गुजरती हैं, मौसम भी बदलते हैं लेकिन राष्ट्र की रक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगाने वालों के नाम अमिट रहते हैं.ये देश हमारी सेना के पराक्रमी महानायकों का सदा सर्वदा ऋणी है.”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “करगिल युद्ध के समय मैं सामान्य देशवासी के रूप में अपने सैनिकों के बीच था.आज मैं फिर करगिल की धरती पर हूं तो स्वाभाविक है वो स्मृतियां मेरे मन में ताजा हो गई हैं. मुझे याद है किस तरह हमारी सेनाओं ने इतनी ऊंचाई पर, इतने कठिन युद्ध ऑपरेशन को अंजाम दिया था. मैं देश को विजय दिलाने वाले ऐसे सभी शूरवीरों को आदरपूर्वक प्रणाम करता हूं..”

”पाकिस्तान ने अपने इतिहास से कुछ नहीं सीखा है”

करगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “पाकिस्तान ने अतीत में जितने भी दुष्प्रयास किए उसे मुंह की खानी पड़ी लेकिन पाकिस्तान ने अपने इतिहास से कुछ नहीं सीखा है.वो आतंकवाद के सहारे अपने आप को प्रासंगिक बनाए रखने का प्रयास कर रहा है.लेकिन आज जब मैं उस जगह से बोल रहा हूं जहां आतंक के आकाओं को मेरी आवाज सीधे सुनाई पड़ रही है मैं आतंकवाद के इन सरपरस्तों को कहना चाहता हूं कि उनके नापाक मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे.आतंकवाद को हमारे जाबाज पूरी ताकत से कुचलेंगे.दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा.”

”हमारी सेनाओं ने बीते वर्षों में कई साहसिक निर्णय लिए हैं”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “.हमारी सेनाओं ने बीते वर्षों में कई साहसिक निर्णय लिए हैं.सेना द्वारा किए गए जरूरी सुधार का एक उदाहरण अग्निवीर योजना भी है.दशकों तक संसद तक अनेक कमेटी तक में सेनाओं को युवा बनाने पर चर्चाएं होती रहीं. भारत की सैनिकों की औसत आयु ग्लोबल औसत से अधिक होना हम सभी की चिंता बढ़ाता रहा है. इसलिए ये विषय वर्षों तक अनेक कमेटियों में भी उठा.लेकिन देश की सुरक्षा से जुड़ी इस चुनौती के समाधान की पहले इच्छाशक्ति नहीं दिखाई दी.शायद कुछ लोगों की मानसिकता ही ऐसी थी कि सेना मतलब नेताओं को सलाम करना, परेड करना.

”अग्निपथ का लक्ष्य सेनाओं को युवा बनाना है”

प्रधानमंत्री मोदी ने अग्निवीर योजना का जिक्र कर विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा-हमारे लिए सेना मतलब 140 करोड़ देशवासियों की आस्था, 140 करोड़ देशवासियों की शांति की गारंटी, देश की सीमाओं को सुरक्षा की गारंटी.अग्निपथ का लक्ष्य सेनाओं को युवा बनाना है, अग्निपथ का लक्ष्य सेनाओं को युद्ध के लिए निरंतर योग्य बनाए रखना है.दुर्भाग्य से राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इतने संवेदनशील विषय को कुछ लोगों ने राजनीति का विषय बना दिया है.कुछ लोग सेना के इस सुधार पर भी अपने व्यक्तिगत स्वार्थ में झूठी राजनीति कर रहे हैं.ये वही लोग हैं जिन्होंने सेनाओं में हजारों-करोड़ों के घोटाले करके हमारी सेनाओं को कमजोर किया है.ये वही लोग हैं जो चाहते थे कि एयरफोर्स को कभी आधुनिक फाइटर जेट न मिल पाए.ये वही लोग हैं जिन्होंने तेजस फाइटर प्लेन को भी डिब्बे में बंद करने की तैयारी कर ली थी.”

मेरे लिए ‘दल’ नहीं ‘देश’ सर्वोपरि है : PM मोदी

PM नरेंद्र मोदी ने कहा, “सच्चाई ये है कि अग्निपथ योजना से देश की ताकत बढ़ेगी और देश का सामर्थ्यवान युवा भी मातृभूमि की सेवा के लिए आगे आएगा. मैं हैरान हूं कि कुछ लोगों की समझ को क्या हुआ है, उनकी सोच को क्या हो चुका है. ऐसा भ्रम फैला रहे हैं कि सरकार पेंशन के पैसे बचाने के लिए ये योजना लेकर आई है.मुझे ऐसे लोगों की सोच से शर्म आती है लेकिन मैं ऐसे लोगों से पूछना चाहता हूं कि आज मोदी सरकार के शासनकाल में जो भर्ती होगा क्या उसे आज ही पेंशन देनी होगी? उसे पेंशन देने की नौबत 30 साल में आएगी और तब तो मोदी 105 साल का हो चुका होगा.क्या तर्क दे रहे हैं? मेरे लिए ‘दल’ नहीं ‘देश’ सर्वोपरि है.हम राजनीति के लिए नहीं राष्ट्रनीति के लिए काम करते हैं.”

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