नई दिल्ली, बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर से संबंधित गृह मंत्री अमित शाह की एक टिप्पणी को लेकर गुरुवार को लोकसभा में हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही आरंभ होने के कुछ देर बाद ही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
आंबेडकर पर टिप्पणी पक्ष विपक्ष में ठनी
कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने शाह की टिप्पणी से जुड़ा विषय सदन में उठाने का प्रयास करते हुए हंगामा किया तो सत्तापक्ष के सदस्यों ने भी मुख्य विपक्षी दल पर संविधान निर्माता के अपमान का आरोप लगाते हुए प्रतिवाद किया.
कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित
सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पूर्व सदस्य कांग्रेस के ईवीकेएस एलंगोवन के निधन के बारे में सदन को सूचित किया और उनके राजनीतिक जीवन का संक्षिप्त उल्लेख किया. इसके बाद सदन ने कुछ पल मौन रखकर दिवंगत पूर्व सदस्य को श्रद्धांजलि दी. इसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया. बिरला ने सुबह 11 बजकर 3 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
विपक्षी दलों ने लगाया है बाबा साहेब के अपमान का आरोप
कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों का आरोप है कि शाह ने ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ विषय पर राज्यसभा में दो दिन तक चली चर्चा का जवाब देते हुए मंगलवार को अपने संबोधन के दौरान बाबासाहेब का अपमान किया. मुख्य विपक्षी दल ने शाह के संबोधन का एक वीडियो अंश भी जारी किया, जिसमें गृह मंत्री विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए यह कहते सुने जा सकते हैं, ”अभी एक फैशन हो गया है- आंबेडकर, आंबेडकर…। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता.” दूसरी तरफ, भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हमेशा बाबासाहेब का अपमान किया और उन्हें चुनाव तक हरवाया.