Wednesday, November 27, 2024
HomeParliament SessionParliament Winter Session: अडानी मुद्दे पर JPC की मांग को लेकर राज्यसभा...

Parliament Winter Session: अडानी मुद्दे पर JPC की मांग को लेकर राज्यसभा में विपक्ष का हंगामा, कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित

नई दिल्ली, कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों ने अडानी समूह के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के गठन की मांग को लेकर बुधवार को राज्यसभा में हंगामा किया, जिसके कारण उच्च सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई.

सभापति ने चर्चा के लिए मिले सभी नोटिस किए अस्वीकार

सुबह सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही सभापति जगदीप धनखड़ ने बताया कि उन्हें अडानी, मणिपुर हिंसा, संभल हिंसा और दिल्ली में अपराध के बढ़ते मामलों पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत कुल 18 नोटिस मिले हैं. उन्होंने सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए.

जी सी चंद्रशेखर, रणदीप सिंह सुरजेवाला, सैयद नासिर हुसैन, नीरज डांगी और राजीव शुक्ला सहित कांग्रेस के कुछ अन्य सदस्यों ने अन्य प्राधिकरणों के साथ मिलीभगत से अडानी समूह के कथित भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी और वित्तीय अनियमितताओं सहित अन्य कदाचारों की जांच के लिए JPC के गठन के लिए नोटिस दिए थे.

तृणमूल कांग्रेस की सुष्मिता देव, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के तिरूचि शिवा, आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के पी संदोष कुमार ने मणिुपर में जारी हिंसा के मुद्दे पर जबकि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के जॉन ब्रिटास, माकपा के ए ए रहीम, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के अब्दुल वहाब ने उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा पर चर्चा के लिए नोटिस दिए थे.

विपक्षी दलों ने किया हंगामा

आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने राजधानी दिल्ली में अपराध के बढ़ते मामलों पर चर्चा के लिए नोटिस दिया था. सभापति धनखड़ ने सभी नोटिस अस्वीकार करते हुए कहा कि सदस्य इन मुद्दों को अन्य प्रावधानों के तहत उठा सकते हैं. इसके तत्काल बाद कांग्रेस सहित विपक्ष के अन्य सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया. इससे पहले कि हंगामा और तेज होता, धनखड़ ने 11 बजकर 11 मिनट पर सदन की कार्यवाही 11 बजकर 30 मिनट तक के लिए स्थगित कर दी.

राज्यसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित

दोबारा, जब सदन की कार्यवाही आरंभ हुई तो सभापति ने सदस्यों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने स्थानों पर बैठे रहें और व्यवस्था बनाए रखें ताकि सूचीबद्ध कामकाज निपटाया जा सके. हालांकि, इसके बावजूद कुछ सदस्य अपने स्थानों पर खड़े होकर नारेबाजी और हंगामा करते रहे. इसके बाद धनखड़ ने सदन की कार्यवाही गुरुवार को सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.

क्या होता है नियम 267 ?

नियम 267 राज्यसभा सदस्य को सभापति की मंजूरी से सदन के पूर्व-निर्धारित एजेंडे को निलंबित करने की विशेष शक्ति देता है. अगर किसी मुद्दे को नियम 267 के तहत स्वीकार किया जाता है तो इससे पता चलता है कि यह आज का सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दा है.

राज्यसभा की नियम पुस्तिका में कहा गया है, ”कोई भी सदस्य सभापति की सहमति से यह प्रस्ताव कर सकता है. वह प्रस्‍ताव ला सकता है कि उस दिन की परिषद के समक्ष सूचीबद्ध एजेंडे को निलंबित किया जाए. अगर प्रस्ताव पारित हो जाता है तो विचाराधीन नियम को कुछ समय के लिए निलंबित कर दिया जाता है.

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments