Pariksha Pe charcha 2025: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को अपने वार्षिक ‘परीक्षा पे चर्चा’ के आठवें संस्करण के प्रसारण में पोषण, दबाव पर नियंत्रण और नेतृत्व जैसे कई मुद्दों पर छात्रों से बातचीत की. मोदी ने छात्रों से कहा कि ‘ज्ञान’ और परीक्षा दो अलग-अलग चीजें हैं. उन्होंने कहा कि किसी को भी परीक्षा को जीवन का अंतिम लक्ष्य नहीं समझना चाहिए.
#WATCH दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुंदर नर्सरी में छात्रों के साथ 'परीक्षा पे चर्चा' की।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 10, 2025
छात्रों से बात करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "हमारे समाज में दुर्भाग्य से ये घुस गया कि अगर हम स्कूल में इतने नंबर नहीं लाए, 10वीं-12वीं में इतने नंबर नहीं आए तो जिंदगी तबाह… pic.twitter.com/fOLGTfIK2y

छात्रों को किसी दायरे में बांधा नहीं जाना चाहिए : PM मोदी
देश भर के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आए छात्रों के साथ बातचीत में प्रधानमंत्री ने कहा कि छात्रों को किसी दायरे में बांधा नहीं जाना चाहिए और उन्हें अपनी अभिलाषा को तलाशने की अनुमति दी जानी चाहिए. उन्होंने छात्रों से अपने समय का उपयोग योजनाबद्ध तरीके से करने को कहा ताकि इसका प्रभावी प्रबंधन हो सके.

छात्रों ने पीएम मोदी से विभिन्न मामलों पर पूछे सवाल
प्रधानमंत्री ने छात्रों से ‘अपने समय, अपने जीवन पर नियंत्रण रखने, वर्तमान में जीने, सकारात्मकता की तलाश करने, पोषण’ जैसे मुद्दों पर बात की’. छात्रों ने उनसे विभिन्न मामलों पर सवाल पूछे. पारंपरिक ‘टाउन हॉल’ प्रारूप से हटकर मोदी ने इस बार अधिक अनौपचारिक व्यवस्था को प्राथमिकता दी और लगभग 35 छात्रों को यहां सुंदर नर्सरी ले गए तथा अधिक गहन एवं मुक्त बातचीत की.

बच्चों की तुलना दूसरों से नहीं करनी चाहिए : PM मोदी
माता-पिता से अपने बच्चों को दिखावे के लिए मॉडल के रूप में इस्तेमाल नहीं करने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि माता-पिता को बच्चों की तुलना दूसरों से नहीं करनी चाहिए बल्कि उनका समर्थन करना चाहिए. प्रधानमंत्री ने अच्छी नींद के महत्व पर प्रकाश डाला और इस बात पर जोर दिया कि छात्रों को यह नहीं सोचना चाहिए कि अगर वे अधिक अंक नहीं लाते हैं तो उनका जीवन बेकार हो जाएगा.
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छात्रों से बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "आप सम्मान मांग नहीं सकते, आपको सम्मान कमाना पड़ेगा। इसके लिए आपको खुद को बदलना होगा। लीडरशीप थोपी नहीं जाती…लीडर बनने के… pic.twitter.com/KEovpUwDeT

स्ट्रेस मैनेजमेंट के लिए क्रिकेट का दिया उदाहरण
मोदी ने कहा कि छात्रों को दबाव को उसी तरह से संभालना चाहिए जैसे बल्लेबाज दर्शकों के शोर के बीच स्टेडियम में करते हैं. उन्होंने कहा कि बल्लेबाज बाउंड्री की मांग को नजरअंदाज करते हुए अगली गेंद पर ध्यान केंद्रित करते हैं. प्रधानमंत्री ने छात्रों से अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने और परीक्षाओं के दबाव में नहीं आने को कहा. हालांकि, मोदी ने उन्हें खुद को चुनौती देने और हमेशा अपने पिछले परिणामों से बेहतर करने की कोशिश करने को कहा. उन्होंने पोषण और ध्यान की आवश्यकता पर जोर दिया. नेतृत्व के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि लोग नेताओं के आचरण से प्रेरणा लेते हैं और केवल भाषणों से मदद नहीं मिलती.
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छात्रों से बात करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए लिखने की आदत विकसित करनी चाहिए। शिक्षक का काम प्रत्येक छात्र की अनूठी प्रतिभा को खोजना है।… pic.twitter.com/ELcpdfE7ts

अभिनेत्री दीपिका पादुकोण, मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम और आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु जैसी प्रसिद्ध हस्तियों ने भी इस साल ‘परीक्षा पे चर्चा’ की विभिन्न कड़ियों में जीवन और सीखने के प्रमुख पहलुओं पर अपना अनुभव और ज्ञान छात्रों के साथ साझा किया.
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छात्रों से बात करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "सबसे अमूल्य टिप है- लिव इन द मोमेंट…अगर वो पल चला गया तो पास्ट हो जाएगा लेकिन अगर उस पल को हमने जी लिया, तो वो जिंदगी का… pic.twitter.com/y7FPSFV2iw
