Pahalgam Attack: पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रूख अपनाया है और कई कड़े फैसले लिए हैं. भारत ने सिंधु समझौते को रोक दिया है. पाकिस्तानी नागरिकों को भी भारत छोड़ने के लिए कह दिया है. भारत के इस एक्शन से पाकिस्तान बौखला गया है. पाकिस्तान ने गुरुवार को भारतीय एयरलाइन के लिए अपना हवाई क्षेत्र और वाघा सीमा चौकी को बंद कर दिया, भारत के साथ सभी प्रकार के व्यापार पर रोक लगा दी और कहा कि सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को मिलने वाले पानी को रोकने या परिवर्तित करने का कोई भी प्रयास युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा.
शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में बैठक के बाद फैसले
ये घोषणाएं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद की गईं. शरीफ ने पहलगाम हमले के बाद सिंधु जल संधि को निलंबित करने और राजनयिक संबंधों को कमतर करने के भारत के कदमों पर उचित प्रतिक्रिया के संबंध में विचार करने के लिए सरकार के प्रमुख मंत्रियों और तीनों सेना प्रमुखों के साथ बैठक की.
राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) की बैठक के बाद जारी एक बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान की संप्रभुता और सुरक्षा को किसी भी तरह का खतरा होने पर हर तरह से मजबूती से जवाब दिया जाएगा. इसमें कहा गया है कि भारत को पहलगाम जैसी घटनाओं को लेकर प्रतिक्रिया स्वरूप आक्षेप लगाने के हथकंडों तथा अपने संकीर्ण राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए इस प्रकार की घटनाओं का गलत फायदा उठाने से बचना चाहिए. इस तरह की रणनीतियां केवल तनाव को बढ़ाने और क्षेत्र में शांति और स्थिरता के मार्ग में बाधा डालने का काम करती हैं.”
भारतीय विमानों के लिए एयरस्पेस किया बंद
बैठक में भारतीय एयरलाइन के लिए पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र और वाघा सीमा चौकी को बंद करने का निर्णय लिया गया. बयान के अनुसार इस्लामाबाद ने दक्षेस वीजा छूट योजना के तहत भारतीयों के लिए वीजा निलंबित किया, सिख तीर्थयात्रियों को इससे अलग रखा गया है. पाकिस्तान ने भारत के साथ सभी तरह के व्यापार पर रोक लगा दी, जिसमें तीसरे देशों के माध्यम से होने वाले व्यापार भी शामिल हैं.
पाकिस्तान ने पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद सिंधु जल संधि को निलंबित करने के भारत के फैसले को ‘खारिज’ किया और कहा कि यह 24 करोड़ पाकिस्तानियों के लिए जीवन रेखा है. बयान में कहा गया, ”सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को मिलने वाले पानी को रोकने या परिवर्तित करने का कोई भी प्रयास युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा.” इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान ने भारतीय उच्चायोग में अपने सैन्य सलाहकारों को भी 30 अप्रैल तक वहां से चले जाने को कहा है.
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