Trump Tariff : कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर कुल 50 प्रतिशत का शुल्क (टैरिफ) लगाए जाने को लेकर बृहस्पतिवार को मोदी सरकार की निदेश नीति पर सवाल खड़े किए और कहा कि उसे स्थिति से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाला भारत किसी के सामने झुकने वाला नहीं है तथा भारत के किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं होगा। पिछले सप्ताह घोषित 25 प्रतिशत शुल्क के अतिरिक्त राष्ट्रपति ट्रंप ने बुधवार को भारत पर रूसी तेल की खरीद को लेकर 25 प्रतिशत शुल्क और लगा दिया, जिससे भारत पर कुल शुल्क 50 प्रतिशत हो गया है और यह अमेरिका द्वारा किसी भी देश पर लगाए गए सबसे अधिक शुल्कों में से एक है।
भारत किसानों, मछुआरों के हितों से समझौता नहीं करेगा : PM मोदी
यह अतिरिक्त शुल्क 21 दिन बाद यानी 27 अगस्त से प्रभावी होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत अपने किसानों, मछुआरों और डेयरी क्षेत्र से जुड़े लोगों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा और इसके लिए वह कोई भी कीमत चुकाने को तैयार है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट में कहा, भारत का राष्ट्रीय हित सर्वोपरि है। कोई भी देश जो गुटनिरपेक्षता की विचारधारा में अंतर्निहित हमारे समय की कसौटी पर कसी गई सामरिक स्वायत्तता की नीति के लिए भारत को मनमाने ढंग से दंडित करता है, वह भारत के मजबूत ढांचे को नहीं समझता।
उन्होंने इस बात का उल्लेख किया, सातवें बेड़े की धमकियों से लेकर परमाणु परीक्षणों के प्रतिबंधों तक, हमने अमेरिका के साथ अपने संबंधों को आत्मसम्मान और गरिमा के साथ निभाया है। खरगे के अनुसार ट्रंप ने 50 प्रतिशत शुल्क लगाने की बात ऐसे समय कही है जब भारत की कूटनीति बहुत बुरी तरह लड़खड़ा रही है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, नरेन्द्र मोदी जी, जब ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने युद्धविराम में मध्यस्थता की है, तब आप चुप रहे। उन्होंने कम से कम 30 बार ऐसा दावा किया है और यह संख्या बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा, आप (प्रधानमंत्री) अमेरिका के साथ व्यापार समझौते पर बातचीत करने में विफल रहे। आपके पास छह महीने से ज्यादा का समय था। अब ट्रंप हमें डरा-धमका रहे हैं और मजबूर कर रहे हैं, लेकिन आप चुप हैं। खरगे ने इस बात का उल्लेख किया कि भारत का अमेरिका को निर्यात लगभग 7.51 लाख करोड़ रुपये (2024) है और 50 प्रतिशत का एकमुश्त शुल्क 3.75 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक बोझ डालेगा।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, हमारे कई क्षेत्र जैसे – एमएसएमई, कृषि, डेयरी इंजीनियरिंग सामान, इलेक्ट्रॉनिक सामान, रत्न एवं आभूषण, दवा उत्पादन और जैविक उत्पाद, पेट्रोलियम उत्पाद और सूती कपड़े, सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार को समझ नहीं आ रहा कि इससे कैसे निपटा जाए। खरगे ने यह भी कहा, ‘आप (प्रधानमंत्री) इस विदेश नीति की तबाही के लिए 70 साल की कांग्रेस को भी दोष नहीं दे सकते।
तृणमूल कांग्रेस की सांसद सुष्मिता देव ने ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा कि यह देश की अर्थव्यवस्था के लिए चिंताजनक स्थिति है।
उन्होंने कहा, भारत को इस मामले को जल्द से जल्द हल करना चाहिए। सच्चाई यह है कि जो हो रहा है, वो अच्छा नहीं है। सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए। शिवसेना (उबाठा) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, यह अमेरिका के दोहरे मापदंड को दर्शाता है… सिर्फ़ भारत ही रूस से तेल नहीं खरीद रहा है। अमेरिका, यूरोपीय संघ, चीन, तुर्की भी रूस के साथ व्यापार कर रहे हैं। ट्रंप का भारत पर निशाना साधना दिखाता है कि वह हमारी बांह मरोड़ रहे हैं। चीन को 90 दिनों की राहत मिली है, लेकिन भारत को नहीं। उन्होंने कहा, यह भारत को तय करना है कि वह किसके साथ राजनयिक संबंध रखना चाहता है। अब, भारत को भी कुछ तय करना होगा… हमारे प्रधानमंत्री को हमें बताना चाहिए कि हम किस तरह के जवाबी कदम उठाने जा रहे हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा की सांसद महुआ मांझी ने कहा, पहले ट्रंप ने जो कदम उठाया है, उससे महंगाई बढ़ेगी, नौकरियां जाएंगी।
उन्होंने कहा कि भारत को चाहिए कि दूसरे देशों से भी संबंध बेहतर करे क्योंकि अब अमेरिका पर निर्भर नहीं रहा जा सकता। महुआ ने कहा, अब हवा-हवाई बातों से काम नहीं चलेगा, ठोस कदम उठाने होंगे। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, राहुल जी देशद्रोह कर रहे हैं। जब पूरे देश को एकजुट होना चाहिए तो वह सांठगांठ वाले पूंजीवाद का आरोप लगाते हैं। जबकि वह स्वयं ऐसा करते हैं। भारत के प्रधानमंत्री मजबूत हैं। भाजपा नेता दिनेश शर्मा ने कहा, भारत सभी देशों का सम्मान करता है और सबसे अच्छे संबंध चाहता है। कोई देश धमकी के आधार पर भारत को झुका नहीं सकता। यह स्वाभिमानी भारत है। मोदी जी लौहपुरुष के समान निर्णय लेने वाले नेता हैं। यह देश किसी को झुकाता नहीं है और झुकता भी नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत अपने कृषि और डेयरी हितों को नजरअंदाज नहीं कर सकता।