one nation one election : मुंबई/भुवनेश्वर। शिवसेना (यूटीबी) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने शुक्रवार को कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की संभावना तलाशने के लिए समिति गठित करने का केंद्र सरकार का कदम बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों से ध्यान हटाने का प्रयास है।
वहीं, ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) ने कहा कि अगर लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के लिए कानून बनाया जाता है तो वह इसका समर्थन करेगी।
शिवसेना (यूटीबी) की राज्यसभा सदस्य चतुर्वेदी ने केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर जनता से संबंधित बेरोजगारी, महंगाई और किसानों की समस्याओं जैसे मुद्दों से ध्यान हटाने का आरोप लगाया। उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर गौर करने वाली तीन रिपोर्ट में कहा गया है कि पांच संवैधानिक संशोधन, राज्य विधानसभाओं तथा संसद में तीन चौथाई बहुमत और ईवीएम व वीवीपैट के लिए 15,000 करोड़ रुपये के खर्च की आवश्यकता है। तो क्या नई कमेटी जरूरी है। आप किसे मूर्ख बनाने की कोशिश कर रहे हैं?
ओडिशा में हो रहे एक साथ लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव
ओडिशा के पूर्व मंत्री और बीजद के वरिष्ठ विधायक बद्रीनारायण पात्रा ने कहा कि एक साथ चुनाव भले ही कभी भी हों, पार्टी इससे चिंतित नहीं है। उन्होंने कहा, हमारे मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने हमेशा कहा है कि बीजद राज्य में किसी भी अन्य राजनीतिक दल की तुलना में चुनाव का सामना करने के लिए बेहतर तरीके से तैयार है। पात्रा ने कहा कि कुछ राज्यों में जहां हाल ही में विधानसभा चुनाव हुए थे, अगर एक राष्ट्र, एक चुनाव कानून बन गया तो उन्हें नुकसान हो सकता है। लेकिन बीजद को ऐसी कोई परेशानी नहीं है। ओडिशा में 2004 से लोकसभा और राज्य विधानसभा के लिए एक साथ चुनाव हो रहे हैं।