India-China Strategic Dialogue: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल ने मंगलवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ वार्ता के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के आगामी शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन जाएंगे.

‘भारत-चीन द्विपक्षीय संबंध हुए और प्रगाढ़’
सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता के नये संस्करण में टेलीविजन पर दिये अपने संबोधन में डोभाल ने भारत-चीन संबंधों में ‘नई ऊर्जा और गति’ के साथ-साथ सीमा पर शांति के महत्व को भी रेखांकित किया. डोभाल ने कहा कि सीमा पर शांति और सौहार्द बना हुआ है. उन्होंने कहा, ‘दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध अब और प्रगाढ़ हुए हैं.’

SCO शिखर सम्मेलन के लिए चीन जाएंगे पीएम मोदी
NSA ने कहा, ‘हमारे प्रधानमंत्री SCO शिखर सम्मेलन के लिए चीन का दौरा करेंगे और इसलिए आज की वार्ता का विशेष महत्व है. यह 31 अगस्त और 1 सितंबर को शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए मोदी की चीनी शहर तियानजिन यात्रा की पहली आधिकारिक पुष्टि है. डोभाल ने आशा जताई कि 24वीं विशेष प्रतिनिधि (एसआर) वार्ता सफल रहेगी.

भारत चीन संबंध बहाल करने की दिशा में बड़ा कदम
चीन के विदेश मंत्री मुख्य रूप से डोभाल के साथ विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता करने के लिए सोमवार को दिल्ली पहुंचे. वांग की यात्रा को दोनों पड़ोसी देशों द्वारा अपने संबंधों को फिर से बहाल करने के जारी प्रयासों के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है, जिनमें 2020 में गलवान घाटी झड़प के बाद गंभीर तनाव आ गए थे.

वर्तमान में LAC पर दोनों देशों के 50 से 60 हजार सैनिक तैनात
विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता में, दोनों पक्षों द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर समग्र स्थिति की समीक्षा के अलावा नये विश्वास-बहाली उपायों पर विचार-विमर्श किए जाने की उम्मीद है. हालांकि, दोनों पक्षों ने टकराव वाले स्थानों से सैनिकों को हटा लिया है, लेकिन सीमा से अग्रिम पंक्ति के सैनिकों को वापस बुलाकर स्थिति को सामान्य किया जाना अभी बाकी है. पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में LAC पर वर्तमान में दोनों देशों के लगभग 50,000 से 60,000 सैनिक तैनात हैं.
अजित डोभाल पिछले साल दिसंबर में कर चुके चीन की यात्रा
NSA डोभाल ने पिछले साल दिसंबर में चीन की यात्रा की थी और वांग के साथ विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता की थी. इससे कुछ हफ्ते पहले प्रधानमंत्री मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रूसी शहर कजान में एक बैठक के दौरान दोनों पक्षों के बीच विभिन्न संवाद तंत्रों को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया था.
#WATCH | Delhi | China's Foreign Minister Wang Yi departs from Hyderabad House after his meeting with National Security Advisor (NSA) Ajit Doval pic.twitter.com/SjGwvY0ATG
— ANI (@ANI) August 19, 2025
गलवान घाटी में झड़प के बाद बढ़ गया था तनाव
पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध मई 2020 में शुरू हुआ था और उसी वर्ष जून में गलवान घाटी में हुई झड़प के परिणामस्वरूप द्विपक्षीय संबंधों में गंभीर तनाव पैदा हो गया था. गत वर्ष 21 अक्टूबर को हुए एक समझौते के तहत डेमचोक और देपसांग से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद यह गतिरोध प्रभावी रूप से समाप्त हो गया.
संबंधों को बहाल करने के लिए हुई कई पहल
गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों में, दोनों पक्षों ने संबंधों को बहाल करने के लिए कई पहल की हैं, जिनमें कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करना और भारत द्वारा चीनी नागरिकों को पर्यटक वीजा जारी करना शामिल है.
#WATCH | Delhi: National Security Advisor (NSA) Ajit Doval meets Chinese Foreign Minister Wang Yi at Hyderabad House pic.twitter.com/thWE6QHSPi
— ANI (@ANI) August 19, 2025