मिशन मून (Mission Moon) के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने Chandrayaan-3 को चांद के साउथ पोल पर सफल लैंडिंग कर इतिहास रच दिया। ISRO मिशन सन (Mission Sun) के तहत सूरज पर पहुंचने की तैयारी कर रहा है। बता दें 2 सितंबर को ISRO PSLV रॉकेट के जरिए सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र एसएचएआर (SDSC SHAR) श्रीहरिकोटा से आदित्य-एल1 (Aditya-L1) को लॉन्च करेगा। ISRO का आदित्य एल1 (Aditya-L1) मिशन भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी का सबसे कठिन मिशन है।
ISRO चीफ एस सोमनाथ ने हाल ही में कहा भी कि भारत अब सूरज (Sun) पर तैयारी कर रहा है। उन्होंने कहा पिछले कुछ महीनों से अंतरिक्ष एजेंसी का ध्यान Chandrayaan-3 पर था। साथ ही ISRO अन्य परियोजनाओं पर भी काम कर रहा है जो आने वाले महीनों में उड़ान भरने के लिए तैयार हैं। Mission Moon की ऐतिहासिक सफलता के बाद भारत अगले 3 महीनों में आदित्य एल1 (Aditya-L1) और गगयान समेत कई महत्वपूर्ण मिशन लॉन्च करने वाला है। उन्होंने कहा हमारे पास कतार में कई बड़े मिशन हैं। Chandrayaan-3 के बाद हम आदित्य एल1 (Aditya-L1) को लॉन्च करने जा रहे हैं।
आपको बता दें आदित्य एल1 (Aditya-L1) के बारे में जानकारी देते हुए ISRO चीफ ने कहा ये भारत का पहला सूर्य मिशन (Surya Mission) है जो सूरज की स्टडी करेगा। इस अंतरिक्ष यान को सितंबर के शुरूआत में लॉन्च करने की तैयारी है। प्रोजेक्ट असेंबल किया जा चुका है और श्रीहरिकोटा प्रक्षेपण केंद्र पर ले जाया चुका है। ISRO के मुताबिक, आदित्य एल1 (Aditya-L1) स्पेसक्राफ्ट में 7 तरह के वैज्ञानिक पेलोड्स होंगे। ये अलग-अलग तरह से सूरज की स्टडी करेंगे। ये यान लगभग 5 सालों तक सूर्य की स्टडी करेगा।