नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद सबकुछ बदल गया और अब भारत कमजोर होता लोकतंत्र है। उन्होंने नार्वे के ओस्लो विश्वविद्यालय में छात्रों के साथ हालिया संवाद के दौरान यह दावा भी किया कि भारत में सारी संस्थाएं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से प्रभावित हैं और सीबीआई, ईडी और आयकर जैसी एजेंसियों को हथियार बनाया गया है। राहुल गांधी ने हाल ही में यूरोप का दौरा किया था। इस दौरान वह ओस्लो विश्वविद्यालय में छात्रों के साथ संवाद समेत कई कार्यक्रमों में शामिल हुए थे। ओस्लो विश्वविद्यालय का उनका वीडियो गुरुवार को कांग्रेस ने जारी किया। कांग्रेस नेता ने कहा भारत के बारे में बात करते समय समय पहली बात यह समझनी होगी कि 2014 तक भारत में लोकतंत्र एक-दूसरे के खिलाफ लड़ने वाले राजनीतिक दलों के समूह से संबंधित था। तटस्थ संस्थाएं, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव, हर किसी के लिए मीडिया तक पहुंच और हर किसी के लिए वित्तीय संसाधनों तक पहुंच थी।
उन्होंने दावा किया 2014 में सबकुछ पूरी तरह बदल गया। हम अब किसी राजनीतिक दल के खिलाफ नहीं लड़ते। पूरा खेल बदल गया है। संस्थाएं आरएसएस से प्रभावित हैं। सीबीआई, ईडी और आयकर जैसी एजेंसियों को हथियार बनाया गया है। वे उन लोगों को निशाना बनाते हैं जो भाजपा की विचारधारा का विरोध करते हैं। इसलिए अब हम किसी सामान्य राजनीतिक प्रतिस्पर्धा में शामिल नहीं हैं। राहुल गांधी ने आरोप लगाया भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है और यह सच है। हालांकि, मेरे लिए वह एक कमजोर होता लोकतंत्र है जहां आपको अपनी आवाज़ व्यक्त करने की अनुमति नहीं है, जहां आपको यह कहने की अनुमति नहीं है कि आप कैसा महसूस करते हैं, और जहां बड़ी संख्या में लोगों को अवसर नहीं दिए जाते हैं। हम 4000 किलोमीटर तक पैदल चले इसका कारण यह था कि कोई और विकल्प नहीं बचा था। भारत के लोगों तक अपनी बात पहुंचाने का यही एकमात्र तरीका था।
राहुल गांधी ने कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के सत्ता में आने पर भारत की लोकतांत्रिक परंपरा को पुनः स्थापित किया जाएगा, विनिर्माण पर जोर दिया जाएगा और दलितों, आदविसियों, अल्पंख्यकों और कमजोर तबकों को विकास की धारा के साथ जोड़ा जाएगा। मैं अपने देश में एक विशेष विचारधारा का बचाव करता हूं जो महात्मा गांधी, गौतम बुद्ध और गुरु नानक की विचारधारा है। मैं इसके लिए लड़ता हूं। मैं नेता बनूं या न बनूं, यह बाद की बात है, लेकिन विचारधारा की लड़ाई जारी रखूंगा। उन्होंने कहा हम अपने देश के भविष्य के लिए एक वैचारिक संघर्ष में लगे हुए हैं और अपने रुख की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है और मैं यही करता हूं। कांग्रेस एक विचार है और भारत के लोगों के लिए प्रमुख दृष्टिकोणों में से एक है।