Sunday, October 6, 2024
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13 घंटे की बहस के बाद अविश्वास प्रस्ताव अस्वीकार

रायपुर । छत्तीसगढ़ विधानसभा में मानसून सत्र के अंतिम दिन राज्य के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव लगभग 13 घंटे की बहस के बाद अस्वीकार कर दिया गया। विपक्ष ने सरकार पर युवाओं और संविदा कर्मचारियों को धोखा देने समेत 109 आरोप लगाए थे।

बुधवार को पेश किया गया था अविश्वास प्रस्ताव

भाजपा ने बुधवार को सदन में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, जिस पर शुक्रवार दोपहर 12 बजे चर्चा शुरू हुई थी। बहस देर रात लगभग एक बजे तक चली। राज्य की 90 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 71 और भाजपा के 13 विधायक हैं। सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर तीखी बहस हुई। विपक्षी सदस्यों ने राज्य सरकार पर घोटालों में शामिल होने और अपने चुनावी वादों को पूरा नहीं कर युवाओं तथा किसानों के साथ धोखा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कानून-व्यवस्था की ‘बिगड़ती’ स्थिति को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा।

बहस के सवाल में सीएम बघेल का जवाब

बहस के जवाब में सीएम भूपेश बघेल ने कहा, “जब हमारी सरकार बनी, तब हमने ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ की बात की और इसे साकार करने की दिशा में हम लगातार काम कर रहे हैं।”  उन्होंने कहा, “विपक्ष द्वारा पेश अविश्वास प्रस्ताव में शामिल मुद्दों में कोई तथ्य नहीं है। प्रजातंत्र में विपक्ष का अधिकार होता है कि वह अविश्वास करे। सत्ता पक्ष के पास भी मौका होता है कि अपनी बात रखे। इन्होंने 109 आरोप लगाए, पर उनके समर्थन में कोई तथ्य नहीं दिए। अतीत में जब अविश्वास प्रस्ताव आता था, तब नक्सली समस्या पर पहले बात होती थी। इस बार सदस्यों ने इस पर चर्चा नहीं की। यह हमारी उपलब्धि है।” बघेल ने कहा, “पहले बस्तर में सड़कें काट दी जाती थीं, आज ऐसा नहीं होता। पिछली सरकार ने जो स्कूल बंद करा दिए थे, उन्हें हमने शुरू किया। पहले उस क्षेत्र में राशन पहुंचाना भी टेढ़ी खीर थी, पर अब यह कितना आसान हो गया है। बस्तर में ऐसे कई बदलाव आए हैं।” उन्होंने कहा, “जब हमारी सरकार बनी, तब हमने ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ की बात की। उन महापुरुषों को, कलाकारों और राजनीतिक दलों के लोगों को नमन करता हूं, जिन्होंने छत्तीसगढ़ के निर्माण में योगदान दिया। परिवर्तन केवल सत्ता के लिए नहीं होना चाहिए। यह लोगों के जीवन में होना चाहिए। इसलिए परिवर्तन की मशाल लेकर हमारे नेता परिवर्तन यात्रा पर निकले थे। आज हमने किसानों की जिंदगी बदली है। बस्तर, सरगुजा में परिवर्तन हुआ है। महिलाओं के जीवन मे बदलाव आया है।”

सीएम ने बताया राज्य मे हुए यह बदलाव

मुख्यमंत्री ने राज्य में पांच वर्ष में आए बदलावों के बारे में कहा, “आज राज्य में 33 जिले हो गए हैं। प्रति व्यक्ति भी आय बढ़ गई है। धान खरीदी 56 लाख से 110 लाख मीट्रिक टन हो गई है। धान का रकबा भी बढ़ गया है। सरकार ने राजीव गांधी न्याय योजना, भूमिहीन ग्रामीण श्रमिक योजना, गोधन न्याय योजना शुरू की है। सरकार ने किसानों का 9,500 करोड़ रुपये का ऋण माफ किया है।”

सीएम बघेल ने की केंद्र सरकार की आलोचना

बघेल ने राज्य में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापे को लेकर केंद्र की आलोचना की। उन्होंने कहा, “प्रवर्तन निदेशालय को भारी शक्तियां दी गई हैं, जो देश के हित में नहीं है। मैं जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) से जुड़े मामलों की जांच के लिए ईडी को अधिकार देने के कदम का कड़ा विरोध करता हूं।” मुख्यमंत्री जब भाषण दे रहे थे, तब विपक्ष के सदस्यों ने उनसे छत्तीसगढ़ में अवैध रेत खनन पर जवाब मांगा और आरोप लगाया कि राज्य में किसानों का कर्ज माफ नहीं हुआ है।

सीएम के भाषण के दौरान विपक्ष की नारेबाजी

मुख्यमंत्री के भाषण के दौरान विपक्ष के सदस्यों ने नारेबाजी शुरू की दी और दावा किया कि सरकार विपक्ष के आरोपों का जवाब देने में नाकाम रही है। बाद में विपक्ष के सदस्य सदन से बाहर चले गए। बघेल का भाषण समाप्त होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने अविश्वास प्रस्ताव पर ध्वनि मत लिया। उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव को अस्वीकार किए जाने की जानकारी दी।

मानसून सत्र इस बघेल सरकार का अंतिम सत्र छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र इस सरकार का अंतिम सत्र भी था। अविश्वास प्रस्ताव के अस्वीकृत होने के बाद विपक्ष के सदस्य सदन में वापस आए और सत्र समाप्ति पर विधानसभा अध्यक्ष के उद्बोधन में हिस्सा लिया। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि चार जनवरी 2019 को उन्हें विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, तब से उनकी पूरी कोशिश रही है कि वह सभी के विश्वास का बनाएं रखें।

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