नई दिल्ली, विपक्षी गठबंधन इंडिया के घटक दलों ने जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद से हटाने के लिए प्रस्ताव लाने संबंधी नोटिस मंगलवार को सौंप दिया. आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने संसद परिसर में पत्रकारों को बताया कि करीब 60 सांसदों के हस्ताक्षर वाला नोटिस राज्यसभा सभापति के सचिवालय को दिया गया है.
नोटिस के लिए अगस्त में ही ले लिए थे हस्ताक्षर
सूत्रों का कहना है कि विपक्षी दलों ने नोटिस देने के लिए अगस्त में ही जरूरी संख्या में हस्ताक्षर ले लिए थे, लेकिन वे आगे नहीं बढ़े क्योंकि उन्होंने धनखड़ को एक और मौका देने का फैसला किया था, लेकिन सोमवार के उनके आचरण को देखते हुए विपक्ष ने इस पर आगे बढ़ने का फैसला किया. विपक्ष के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘सभापति का आचरण अस्वीकार्य है. वह भाजपा के किसी प्रवक्ता से ज्यादा वफादार दिखने का प्रयास कर रहे हैं.
संविधान के अनुच्छेद 67 में क्या है प्रावधान ?
संविधान के अनुच्छेद 67 में उपराष्ट्रपति की नियुक्ति और उन्हें पद से हटाने से जुड़े तमाम प्रावधान किए गए हैं. संविधान के अनुच्छेद 67(बी) में कहा गया है, ‘उपराष्ट्रपति को राज्यसभा के एक प्रस्ताव, जो सभी सदस्यों के बहुमत से पारित किया गया हो और लोकसभा द्वारा सहमति दी गई हो, के जरिये उनके पद से हटाया जा सकता है. लेकिन कोई प्रस्ताव तब तक पेश नहीं किया जाएगा, जब तक कम से कम 14 दिनों का नोटिस नहीं दिया गया हो, जिसमें यह बताया गया हो ऐसा प्रस्ताव लाने का इरादा है.”
बता दें कि राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सहित कांग्रेस के कई सदस्यों ने सोमवार को सभापति जगदीप धनखड़ पर राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया था.