Nexa Evergreen case: राजस्थान और गुजरात में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार 25 ठिकानों पर एकसाथ छापेमारी की है। यह कार्रवाई नेक्सा एवरग्रीन प्रोजेट में निवेश के नाम पर 2700 करोड़ रुपए की ठगी के मामले से जुड़ी है। जिसमें अलग-अलग राज्यों के 62 हजार से ज्यादा लोगों को लालच देकर ठगा गया है। इसी मामले में कार्रवाई करते हुए ईडी ने जयपुर, सीकर, जोधपुर और झुंझुनूं में एक साथ छापेमारी की है।
ED, Jaipur has conducted search operations on 12.06.2025 at 25 locations in Jaipur, Sikar, Jhunjhunu and Ahmedabad under the provisions of the PMLA, 2002 in the case of Nexa Evergeen fraud. During the search operations, cash amounting to Rs. 2.04 Crore along with various… pic.twitter.com/ZwMLQvlf1y
— ED (@dir_ed) June 13, 2025
15 करोड़ रुपए के बैंक खाते फ्रीज
इस मामले में कार्रवाई करते हुए ईडी की टीम ने 2.4 करोड़ रुपए नकद जब्त किए है। इसके साथ डिजिटल उपकरण सहित अन्य चीज बरामद किए है। कंपनियों और सहयोगियों बैंक खातों और क्रिप्टो को फ्रिज किया गया। इन बैक खातों की 15 करोड़ से ज्यादा की राशि फ्रीज हुई है। जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि इस धोखाधड़ी की राशि करीब 2700 करोड़ रुपए से अधिक की होने वाली है।
जानिए क्या है नेक्सा एवरग्रीन प्रोजेक्ट?
बता दें कि नेक्सा एवरग्रीन को अहमदाबाद में 2021 में रियल एस्टेट एक्टिविटी के लिए रजिस्टर्ड कराया गया था। इस फर्म के मालिक सीकर के पनलावा निवासी सुभाष और रणवीर बिजारणियां हैं। शुरु में ये गुजरात में धोलेरा स्मार्ट सिटी प्रोजेट के नाम पर लोगों से निवेश के नाम पर रुपए लेने लगे थे। कंपनी में निवेश करने पर दोगुने ब्याज का रिटर्न लालच, हर सप्ताह ब्याज का पैसा बैंक खाते में और नया ग्राहक जोड़ने पर कमीशन, धोलेरा सिटी में प्लॉट जैसे लालच दिए गए।
कंपनी ने यूं फंसाया निवेशकों को जाल में
कंपनी रुपए निवेश करने के बाद उसके रिटर्न का पैसा हर सप्ताह के सीधे अकाउंट में ट्रांसफर करती थी, जिसकी वजह से लोगों को कंपनी पर विश्वास हो गया। इसके बाद लोगों ने अपनी खेती की जमीने बेचकर कंपनी में पैसा लगाना शुरू कर दिया। कुछ हफ्तों तक लोगों के खातों में पैसे आए। लेकिन बाद में पैसा अकाउंट में आना बंद हो गया।