Sunday, July 13, 2025
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Nestle बेबी फूड में मिली चीनी की ज्यादा मात्रा,रिपोर्ट में खुलासा,मामले पर कंपनी ने दी सफाई,जानें क्या है WHO की गाइडलाइन ?

नई दिल्ली, नेस्ले इंडिया ने दावा किया है कि उसने पिछले 5 वर्षों में भारत में शिशु आहार उत्पादों में चीनी में 30 प्रतिशत से अधिक की कमी की है.नेस्कैफे, सेरेलैक और मैगी जैसे उत्पाद बनाने वाली कंपनी ने उन खबरों के बीच यह स्पष्टीकरण दिया जिसमें दावा किया गया था कि वह कम विकसित देशों में अधिक चीनी वाले उत्पाद बेच रही है.

रिपोर्ट में क्या कहा गया है ?

स्विस एनजीओ पब्लिक आई और इंटरनेशनल बेबी फूड एक्शन नेटवर्क (आईबीएफएएन) के निष्कर्षों के अनुसार, नेस्ले ने यूरोप के अपने बाजारों की तुलना में भारत सहित कम विकसित दक्षिण एशियाई देशों, अफ्रीकी और लैटिन अमेरिकी देशों में अधिक चीनी वाले शिशु उत्पाद बेचे.

नेस्ले ने मामले पर दी सफाई

इस संबंध में पूछे जाने पर कंपनी के प्रवक्ता ने कहा,”चीनी में कमी करना नेस्ले इंडिया की प्राथमिकता है.पिछले 5 वर्षों में हमने उत्पाद के आधार पर चीनी में 30 प्रतिशत तक की कमी की है.हम नियमित रूप से अपने उत्पादों की समीक्षा करते रहते हैं और पोषण, गुणवत्ता, सुरक्षा और स्वाद से समझौता किए बिना चीनी के स्तर को कम करने के लिए अपने उत्पादों में सुधार करते रहते हैं.”

”उत्पादों की पोषण गुणवत्ता से कभी समझौता नहीं करते”

नेस्ले इंडिया ने दावा किया कि उसके ” शिशु अनाज उत्पादों का निर्माण बच्चों की प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, खनिज, लौह आदि जैसी पोषण संबंधी आवश्यकता सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है.”हम अपने उत्पादों की पोषण गुणवत्ता से कभी समझौता नहीं करते हैं और न ही करेंगे.हम अपने उत्पादों की पोषण संबंधी उत्पादों को बढ़ाने के लिए अपने व्यापक वैश्विक अनुसंधान व विकास नेटवर्क की लगातार मदद लेते हैं.”

50 विभिन्न शिशु उत्पादों का अध्ययन किया

IBFAN की रिपोर्ट में विभिन्न देशों में बेचे जाने वाले करीब 150 विभिन्न शिशु उत्पादों का अध्ययन किया गया.रिपोर्ट के अनुसार, 6 महीने के बच्चों के लिए नेस्ले का गेहूं आधारित उत्पाद ‘सेरेलैक’ ब्रिटेन और जर्मनी में बिना किसी अतिरिक्त चीनी के बेचा जाता है, लेकिन भारत से विश्लेषण किए गए 15 सेरेलैक उत्पादों में एक बार के खाने में औसतन 2.7 ग्राम चीनी थी.

सबसे अधिक चीनी थाईलैंड में 6 ग्राम पाई गई

रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में पैकेजिंग पर चीनी की मात्रा बताई गई थी. उत्पाद में सबसे अधिक चीनी थाईलैंड में 6 ग्राम पाई गई.फिलीपीन में 8 नमूनों में से पांच में चीनी की मात्रा 7.3 ग्राम पाई गई और इसकी जानकारी पैकेजिंग पर भी घोषित नहीं की गई थी.

”सर्वोत्तम पोषण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है”

नेस्ले इंडिया ने कहा कि वह ” अपने उपभोक्ताओं को सर्वोत्तम पोषण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो हम 100 वर्षों से अधिक समय से कर रहे हैं. हम अपने उत्पादों में पोषण, गुणवत्ता और सुरक्षा के उच्चतम मानकों को बनाए रखने को प्रतिबद्ध हैं.”

क्या है बेबी फूड पर WHO की गाइडलाइन

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक,3 साल से कम उम्र के बच्चों के खाने में शुगर या मीठे पदार्थ का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए.आपको बता दें कि चीनी मिलाने से हाई ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारी की खतरा बढ़ जाता है.शरीर में बैड कोलेस्ट्रोल,डायबिटीज,दांतों में कैविटीज,मेंटल हेल्थ,कमजोर इम्युनिटी,अल्जाइमरी का खतरा और व्हाइट ब्लड सेल्स के कमजोर होने जैसे खतरे रहते हैं

Premanshu Chaturvedi
Premanshu Chaturvedihttp://jagoindiajago.news
खबरों की दुनिया में हर लफ्ज़ को जिम्मेदारी और जुनून के साथ बुनने वाला। मेरा मानना है कि एक अच्छी खबर केवल सूचना नहीं देती, बल्कि समाज को सोचने, सवाल करने और बदलने की ताकत भी देती है। राजनीति से लेकर मानवता की कहानियों तक, हर विषय पर गहराई से शोध कर निष्पक्ष और सटीक रिपोर्टिंग करना ही मेरी पहचान है। लेखनी के जरिए सच्चाई को आवाज़ देना मेरा मिशन है।
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