नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट विवादों से घिरी मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट-यूजी’ 2024 से संबंधित याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई करेगा. इन याचिकाओं में राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) की 5 मई को हुई परीक्षा में गड़बड़ी और कदाचार का आरोप लगाने वाली और इसे फिर से आयोजित करने का निर्देश देने का अनुरोध करने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं.
केंद्र और NTA ने परीक्षा रद्द करने को लेकर क्या कहा ?
केंद्र और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) ने शुक्रवार को न्यायालय में कहा था कि गोपनीयता भंग होने के किसी साक्ष्य के बिना इस परीक्षा को रद्द करने का बेहद प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा क्योंकि इससे लाखों ईमानदार अभ्यर्थियों पर ‘‘गंभीर असर’’ पड़ सकता है.
8 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई
न्यायालय की वेबसाइट पर अपलोड की गई 8 जुलाई की वाद सूची के अनुसार, प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला एवं न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ परीक्षा से संबंधित कुल 38 याचिकाओं पर सुनवाई करेगी.
राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) सरकारी और निजी संस्थानों में MBBS,BDS, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए नीट-यूजी का आयोजन करती है.इस साल 5 मई को यह परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें 571 शहरों के 4,750 परीक्षा केंद्रों पर लगभग 23 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे.प्रश्न पत्र लीक समेत अनियमितताओं के आरोपों को लेकर कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए तथा विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को उठाया.परीक्षा में गड़बड़ी के संबंध में अदालतों में भी कई मामले दायर किए गए.
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और एनटीए ने उन याचिकाओं का विरोध करते हुए अलग-अलग हलफनामे दाखिल किए हैं, जिनमें विवादों में रही इस परीक्षा को रद्द करने, दोबारा परीक्षा कराने और अदालत की निगरानी में जांच की मांग की गई है.उन्होंने अपने जवाब में कहा कि देश की प्रमुख जांच एजेंसी सीबीआई ने विभिन्न राज्यों में दर्ज मामलों को अपने हाथ में ले लिया है.